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छक्खंडागमे वेयणाखंड + [४, २, १०, १२. वेयणाओ। एवं चउत्थसुत्तस्स चत्तारि भंगा [४]। अधवा, अणेयाणं जीवाणमेया पयडी एयसमयपबद्धा बज्झमाणियाओ, तेसिं चेव जीवाणमेया पयडी अणेयसमयपबद्धा उदिण्णाओ सिया बज्झमाणियाओ च उदिण्णाओ च वेयणाओ। एवं चउत्थसुत्तस्स पंच भंगा [५] । अधवा, अणेयाणं जीवाणमेया पयडी एवसमयपबद्धा च' बज्झमाणियाओ, तेसिं चेव जीवाणमणेयाओ' पयडीओ एयसमयपबद्धाओ उदिण्णाओ, सिया बज्झमाणियाओ च उदिण्णाओ च वेयणाओ । एवं छ भंगा [६] । अधवा, अणेयाणं जीवाणं एया पयडी एयसमयपबद्धा बज्झमाणियाओ, तेसिं चेव जीवाणमणेयाओ पयडीओ अणेयसमयपबद्धाओ उदिण्णाओ, सिया बज्झमाणियाओ च उदिण्णाओ च वेयणाओ। एवं सत्त भंगा [७] । अधवा, अणेयाणं जीवाणमणेयाओ पयडीओ एयसमयपबद्धाओ बज्झमाणियाओ, तेसिं चेव जीवाणमेया पयडी एयसमयपबद्धा' उदिण्णाओ, सिया बज्झमाणियाओ च उदिण्णाओ च वेयणाओ । एवमट्ठ भंगा [८] । अधवा, अणेयाणं जीवाणमणेयाओ पयडीओ एगसमयपबद्धाओ बज्झमाणियाओ, तेसिं चेव जीवाणमेया पयडी अणेयसमयपबद्धा उदिण्णाओ, सिया बज्झमाणियाओ च उदिण्णाओ च वेयणाओ। एवं णव भंगा [8] | अधवा, अणेयाणं जीवाणमणेयाओ पयडीओ एगसमयपबद्धाओ बज्झमाणियाओ, तेसिं चेव जीवाणमणेयपयडीओ एगसमयपबद्धाओ उदिण्णाओ, सिया बज्झमाणियाओ च उदिण्णाओ च वयणाओ । एवं दस भंगा [१०] । अधवा, अणयाणं जीवाणमणेयाओ पयवेदनायें हैं। इस प्रकार चतुर्थ सूत्रके चार भङ्ग हुए (४)। अथवा, अनेक जीवोंकी एक प्रकृति एक समयमें बाँधी गई बध्यमान, उन्हीं जीवोंकी एक प्रकृति अनेक समयोंमें बाँधी गई उदीर्ण, कथंचित् बध्यमान और उदीर्ण वेदनायें हैं। इस प्रकार चतुर्थ सूत्रके पाँच भङ्ग हुए (५)। अथवा, अनेक जीवोंकी एक प्रकृति एक समयमें बाँधी गई बध्यमान, उन्हीं जीवोंकी अनेक प्रकृतियाँ एक समयमें बाँधी गईं उदीर्ण, कथंचित् बध्यमान और उदीर्ण वेदनायें हैं। इस प्रकार छह भङ्ग हुए (६)। अथवा, अनेक जीवोंकी एक प्रकृति एक समयमें बाँधी गई बध्यमान, उन्हीं जीवोंकी अनेक प्रकृतियाँ अनेक समयोंमें बाँधी गईं उदीर्ण, कथंचित् बध्यमान और उदीर्ण वेदनायें हैं। इस प्रकार सात भङ्ग हुए (७)। अथवा, अनेक जीवोंकी अनेक प्रकृतियाँ एक समयमें बाँधी गई बध्यमान, उन्हीं जीवोंकी एक प्रकृति एक समयमें बाँधी गई उदीर्ण, कथंचित् बध्यमान और उदीर्ण वेदनायें हैं। इस प्रकार आठ भङ्ग हुए (८)। अथवा, अनेक जीवोंकी अनेक प्रकृतियाँ एक समयमें बाँधी गई बध्यमान, उन्हीं जीवोंकी एक प्रकृति अनेक समयों में बाँधी गई उदीर्णः कथंचित् बध्यमान और उदीर्ण वेदनायें हैं। इस प्रकार नौ भङ्ग हुए (६)। अथवा, अनेक जीवोंकी अनेक प्रकृतियाँ एक समयमें बाँधी गई बध्यमान, उन्हीं जीवोंकी अनेक प्रकृतियाँ एक समयमें बाँधी गई उदीर्ण; कथंचित् बध्यमान और उदीर्ण वेदनायें हैं । इस प्रकार दस भङ्ग हुए (१०)। अथवा, अनेक जीवोंकी अनेक
१ ताप्रतौ 'च' इत्येतत्पदं नोपलभ्यते।। २ अ-प्राप्रत्योः 'जीवाणमेयाश्रो' इति पाठः । ३ अ-आप्रत्योः 'पबद्धाओ', तापतौ 'पबद्धा [ो]' इति पाठः।
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