________________
३३८] छक्खंडागमे वेयणाखंडे
[४,२, १०, २८. वेयणाओ । एवं बावीस भंगा [२२] । अधवा, अणेयाणं जीवाणमेया पयडी एयसमयपबद्धो बज्झमाणियाओ, तेसिं चेव जीवाणमणेयाओ पयडीओ अणेयसमयपबद्धाओ उदिण्णाओ, तेसिं चेव जीवाणमेया पयडी अणेयसमयपबद्धाओ उवसंताओ, सिया बज्झमाणियाओ च उदिण्णाओ च उवसंताओ च वेयणाओ । एवं तेवीस भंगा [२३] । अधवा, अणेयाणं जीवाणमेया पयडी एयसमयपबद्धा बज्झमाणियाओ, तेसिं चेव जीवाणमणेयाओ पयडीओ अणेयसमयपबद्धाओ [उदिण्णाओ, तेसिं चेव जीवाणमणेयाओ पयडीओ एयसमयपबद्धाओ ] उवसंताओ', सिया बज्झमाणियाओ च उदिण्णाओ च उपसंताओ च वेयणाओ। एवं चउवीस भंगा [२४] । अधवा, अणेयाणं जीवाणमेया पयडी एयसमयपबद्धा बज्झमाणियोओ, तेसिं चेव जीवाणमणेयाश्री पयडीओ अणेयसमयपबद्धाओ उदिण्णाओ, तेसिं चेव जीवाणमणेयाओ पयडीओ अणेयसमयपबद्धाओ उवसंताओ, सिया बज्झमाणियाओ च उदिण्णाओ च उपसंताओ च वेयणाओ। एवं पणुबीस भंगा [२५] । अधवा, अणेयाणं जीवाणमणेयाओ पयडीओ एयसमयपबद्धाओ बज्झमाणियाओ, तेसिं चेव जीवाणमेया पयडी एयसमयपबद्धो उदिण्णाओ, तेसिं चेव जीवाणमेया पयडी एयसमयपबद्धा उवसंताओ, सिया बज्झमाणियाओ च उदिण्णाओ प उवसंताओ च वेयणाओ। एवं छव्वीस भंगा [२६] । अधवा, अणेयाणं जीवाणमणेयाओ पयडीओ एयसमयपबद्धाओ बज्झमाणियाओ, तेसिं चेव जीवाणमेया पयडी एयसमय
हैं। इस प्रकार बाईस भंग हुए ( २२)। अथवा, अनेक जीवोंकी एक प्रकृति एक समयमें बाँधी गई बध्यमान, उन्हीं जीवोंकी अनेक प्रकृतियाँ अनेक समयोंमें बाँधी गई उदीर्ण, उन्हीं जीवोंकी एक प्रकृति अनेक समयोंमें बाँधी गई उपशान्त; कथंचित् बध्यमान, उदीर्ण और उपशान्त वेदनाएँ हैं। इस प्रकार तेईस भंग हुए (२३)। अथवा, अनेक जीवोंकी एक प्रकृति एक समयमें बाँधी गई वध्यमान, उन्हीं जीवोंकी अनेक प्रकृतियाँ अनेक समयों में बाँधी गई उदीर्ण; उन्हीं जीवोंकी अनेक प्रकृतियाँ एक समयमें बाँधी गई उपशान्त; कथंचित बध्यमान, उदीर्ण और उपशान्त वेदनायें हैं। इस प्रकार चौबीस भंग हुए (२४)। अथवा, अनेक जीवोंकी एक प्रकृति एक समयमें बाँधी गई बध्यमान, उन्हीं जीवोंकी अनेक प्रकृतियाँ अनेक समयोंमें बाँधी गई उदीर्ण, उन्हीं जीवोंकी अनेक प्रकृतियाँ अनेक समयोंमें बाँधी गई उपशान्त; कथंचित् बध्यमान, उदीर्ण और उपशान्त वेदनायें हैं। इस प्रकार पञ्चीस भंग हुए (२५)। अथवा, अनेक जीवोंकी अनेक प्रकृतियाँ एक समयमें बाँधी गई बध्यमान, उन्हीं जीवोंकी एक प्रकृति एक समयमें बाँधी गई उदीर्ण, उन्हीं जीवोंकी एक प्रकृति एक समयमें बाँधी गई उपशान्त; कथंचित् बध्यमान, उदीर्ण और उपशान्त वेदनायें हैं। इस प्रकार छब्बीस भंग हुए (२६)। अथवा, अनेक जीवोंकी अनेक प्रकृतियाँ एक समयमें बाँधी गई बध्यमान, उन्हीं जीवोंकी एक प्रकृति एक समयमें बाँधी गई उदीर्ण, उन्हीं जीवोंकी एक प्रकृति अनेक
१ताप्रतौ 'बज्झमाणिया| श्री तेसिं चेव जीवाणमेया पयडी एयसमयपबद्धा उदिण्णायो तेसिं चेव नीवाणमणेयाश्रो पयडीयो अणेयसमयपबद्धाश्रो उवसंतानो इति पाठः ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org