Book Title: Shatkhandagama Pustak 12
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati

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Page 570
________________ परिशिष्ट पृष्ठ २७९ ४७८ शब्द | शब्द . पृष्ठ - शब्द अनुसमयापवर्तना ३२ क्षपितघोलमान अनुसनयापवर्तनाघात ३१ क्षायिक दलित अन्वय ९८ क्षेत्रप्रत्याश्रय दलितदलित अपरिवर्तमान परिणाम २७ क्षेत्रप्रत्यास ४९७ दारुसमान अनुभाग ११७ अपवर्तनाघात दीपशिखा ४२८ अभ्याख्यान २८५ -गुणधरभट्टारक देशघाती ५४ अमूर्तद्रव्यभाव गुणश्रेणि द्वीपायन २१ अथेपद गणितकर्माशिक ११६,३८२ द्वेष २८३ अर्थापत्ति अवस्थित भागहार १०२ गुणितघोलमान ४२६ अविभागप्रतिच्छेद ९२ गौतम स्थविर २३१ नागहस्ती २१२ अष्टक १३१ नामभाव असद्वचन २५४ निकाचित घातपरिणाम २२०,२२५ असातसमयप्रबद्ध १८९ निकृति २८५ घातस्थान १३०, २२१, २३१ निद न आ २८४ नैगम ३०३ आगमद्रव्यभाव चतुःषष्ठिपदिक दण्डक ४४ नोजीव २९६, २९७ आगमभावभाव चतुःसामयिक अनुआर्यमंतु भागस्थान २०२ चिरन्तनअनुभाग पद ३,४८० पदमीमांसा उत्पादानुच्छेद चूणचूर्णि ४.७ पदसमास उदीर्ण चूर्णि ४८० ३०३ परम्पराबन्ध २३२ ३७०,३७२ उपधि चूर्णिसूत्र परम्परोपनिधा २५४ उपशान्त ३०३ परिग्रह २८२ छिन्न परिवर्तमान परिणाम २७ औदयिक छिन्नाछिन्न परिवर्तमानमध्यमपरिणाम,, औपशमिक छेदभागहार पारिणामिक २७६ पिशुल ૧૫૮ कर्मद्रव्यभाव पिशुलापिशुल १६० जघन्य द्रव्यवेदना . ९८ कलह २८५ पुद्गलविपाकी ४६ जघन्य स्थान कल्प २०६ पुनरुक्तदोष २१२ २०९ जीवयवमन्य कालयवमध्य ४०० जीवविपाकी क्रोध २८३ पूर्वसमास क्षपकश्रेणि पूर्वानुपूर्वी २२१ क्षपितकांशिक ११६. त्रुटित १६२ प्रकृति ३०३ ३८४, ४२६ । त्रुटितात्रुटित ४७८ २३२ २८५ ५६२ २७९ १०२ २१२ प्रकृत्यर्थता Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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