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४, २, १०, १६.] वेयणमहाहियारे वेयणवेयणविहाणं
[३१७ बेभंगा [२] । अधवा, एयस्स जीवस्स अणेयाओ पयडीओ एयसमयपबद्धाओ 'बज्झमाणियाओ, तस्सेव जीवस्स अणेयाओ पयडीओ अणेयसमयपबद्धाओ उवसंताओ; सिया बज्झमाणियाओ च उवसंताओ च वेयणाओ। एवं चउत्थसुत्तस्स तिणि चेव भंगा होंति [३], वढिमा ण होति; रज्झमाण-उवसंतेसु णिरुद्धगजीवत्तादो।
संपहि रज्झमाण-उवसंतेसु णाणाजीवे अस्सिदण चउत्थसुत्तस्स सेसभंगे वत्तइस्सामो। तं जहा-अणेयाणं जीवाणमेया पयडी एयसमयपबद्धा बज्झमाणियाओ, तेसिं चेव जीवाणमेया पयडी एयसमयपबद्धा उवसंताओ सिया बज्झमाणियाओ च उवसंताओ च वेयणाओ! एवं चउत्थसुत्तस्स चत्तारि भंगा [४] । अधवा, अणयाणं जीवाणमेया पयडी एयसमयपबद्धा बज्झमाणियाओ, तेसिं चेव जीवाणमेया पयडी अणेयसमयपबद्धा उवसंताओ; सिया बज्झमाणियाओ च उवसंताओ च वेयणाओ। एवं पंच भंगा [५] । अधवा, अणेयाणं जीवाणमेया पयडी एयसमयपबद्धा बज्झमाणियाओ, तेसिं चेव जीवाणमणेयाओ पयडीओ [ एयसमयपबद्धाओ च ] उवसंताओ, सिया बज्झमाणियाओ च उवसंताओ च वेयणाओ। एवं छ भंगा [६] । अधवा, अणेयाणं जीवाण प्रेया पयडी एयसमयपबद्धा बज्झमाणियाओ, तेसिं चेव जीवाणमणयाओ पयडीओ अणेयसमयपबद्धाओ उवसंताओ; सिया बज्झमाणियाओ च उवसंताओ च वेयणाओ । एवं सत्त भंगा [७] । अधवा, अणेयाणं जीवाणमणेयाओ पयडीओ एयसमय
सूत्रके दो भङ्ग हुए (२)। अथवा, एक जीवकी अनेक प्रकृतियाँ एक समयमें बाँधी गई बध्यमान, उसी जीवकी अनेक प्रकृतियाँ अनेक समयोंमें बाँधी गई उपशान्त; कथंचित् वध्यमान और उपशान्त वेदनायें हैं। इस प्रकार चतुर्थ सूत्रके तीन ही भङ्ग होते हैं (३), अधिक नहीं होते; क्योंकि बध्यमान और उपशान्त वेदनाओंमें एक जीवकी विवक्षा है।
अब बध्यमान और उपशान्त वेदनाओंमें नाना जीवोंका आश्रय लेकर चतुर्थ सूत्रके शेष भङ्गोंको कहते हैं । यथा-अनेक जीवोंकी एक प्रकृति एक समयमें बाँधी गई बध्यमान, उन्हीं जीवोंकी एक प्रकृति एक समयमें बाँधी गई उपशान्त; कथंचित् बध्यमान और उपशान्त वेदनायें हैं। इस प्रकार चतुर्थ सूत्रके चार भङ्ग हुए (४)। अथवा, अनेक जीवोंकी एक प्रकृति एक समयमें बाँधी गई बध्यमान, उन्हीं जीवों की एक प्रकृति अनेक समयोंमें बाँधी गई उपशान्त; कथंचित् बध्यमान और उपशान्त वेदनायें हैं। इस प्रकार पाँच भङ्ग हुए (५)। अथवा, अनेक जीवोंकी एक प्रकृति एक समयमें बाँधी गई बध्यमान, उन्हीं जीवोंकी अनेक प्रकृतियाँ एक समयमें बाँधी गई उपशान्त; कथंचित् वध्यमान और उपशान्त वेदनायें हैं। इस प्रकार छह भङ्ग हुए (६)। अथवा, अनेक जीवोंकी एक प्रकृति एक समयमें बाँधी गई बध्यमान, उन्हीं जीवोंकी अनेक प्रकृतियाँ अनेक समयोंमें बाँधी गई उपशान्त; कथंचित् बध्यमान और उपशान्त वेदनायें हैं । इस प्रकार सात भङ्ग हुए (७)। अथवा, अनेक जीवोंकी अनेक प्रकृतियाँ एक समयमें बाँधी गई बध्यमान, उन्हीं जीवोंकी एक
१ ताप्रतौ -पबद्धाश्रो च बज्म- इति पाठः । २ ताप्रतौ नोपलभ्यते पदमिदम् ।
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