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( २६ ) मालिक 4 उपयुक्त (पुं०-री,-बान्) 1 राज | देवता वा ] इष्टदेव प्रधान देव, अभिरक्षक देवता, पुरुष, पदाधिकारी कार्यकर्ता, अधीक्षक, प्रधान, निर्दे- ययाचे पादुके पश्चात्कर्तुं राज्याधिदेवते-रघु०१२।
शक, शासक 2 सही दावेदार, मालिक, स्वामी । १७, १६१९, भामि० ३३ अधिकृत (वि.) [अधि++क्त अधिकार प्राप्त, नियुक्त | अधिदेवम, अधिदैवतम् [ अधिष्ठात देवं दैवतं वा ] किसी
आदि, तः राजपुरुष, पदाधिकारी, किसी पद के वस्तु की अधिष्ठात्री देवता। कार्यभार को संभालने वाला।
अधिनाथः [प्रा० स०] परमेश्वर। अधिकृतिः (स्त्री०) [ अधि++क्तिन् ] हक़, प्राधिकार, | अधिनायः [अधि+नी+घञ] गन्ध, महक । स्वामित्व, दे० अधिकार ।
अधिपः, अधिपतिः [ अधि+पा+क, डति वा ] स्वामी, अधिकृत्य (अव्य.) [ अधि+कृ+ (क्त्वा) ल्यप् ] उल्लेख शासक, राजा, प्रभु, प्रधान-अथ प्रजानामधिप:
करके, के विषय में, के संबंध में-ग्रीष्मसमयमधिकृत्य प्रभाते-रघु० २१ (अधिकतर समास में प्रयुक्त)। गीयताम्-श० १; शंकुतलामधिकृत्य ब्रवीति-श. | अधिपत्नी [प्रा० स०] वै०-शासिका, स्वामिनी ।
अषिपु (पू) एषः [प्रा० स०] पुरुषोत्तम, परमेश्वर । अधिक्रमः ।[अधि+क्रम्+घञ, ल्युट च] हमला, अषिप्रजा (वि.) [ अधिका प्रजा यस्य ब० स०] बहुत अधिक्रमणम् । चढ़ाई।
___ संतान वाला (स्त्री या पुरुष)। अषिक्षेपः-[अधि+क्षिप्+घा 11 गाली, दोषारोपण, | अधिभः [ अधि+भू+क्विप] स्वामी, श्रेष्ठ, प्रमुख ।
अपमान, भवत्यधिक्षेप इवानुशासनम्-कि० ११२८ 2 | अधिभूतम् [ अधि+भू+क्त प्रा० स०--भूतं प्राणिमात्रपदच्युत करना।
मधिकृत्य वर्तमानम् ] परमेश्वर, परमात्मा या तत्सं. अधिगत (वि.) [ अधि+ गम् +क्त ] 1 अजित, प्राप्त | बंधी समस्त व्यापक प्रभाव ।
आदि-भर्तृ० २।१७, 2 अधीत, ज्ञात, सीखा हुआ, | अधिमात्र (वि.) [ अधिका मात्रा यस्य ब० स०] मान
किमित्येवं पृच्छस्यनषिगतरामायण इव-उत्त०६।३०।। से अधिक, बहुत अधिक, अपरिमित । अधिगमः ।[अधि+गम्+घञ, ल्युट् च ] 1 अर्जन,
अधिमासः [प्रा० स०] लौंदं का महीना, मलमास । अधिगमनम्। प्रापण 2 पारंगति, अध्ययन, ज्ञान 3 व्यापा
अधियज्ञः प्रा० स०] 1 प्रधान यज्ञ 2 ऐसे यज्ञ का अभिरिक लाभ, लाभ, संपत्ति प्राप्त करना,
कर्ता। निध्यादेः प्राप्ति:-मिता. या धनप्राप्ति, | अधिरय (वि०) [ अध्यारूढो रथं रथिनं वा ] रथारूढ,4 स्वीकृति 5 मैथुन ।
था--1 सूत, सारथि 2 सूत का नाम जो अंगदेश का अषिगुण (वि.) [ अधिका गुणा यस्य ] 1 श्रेष्ठ गुण रखने
राजा तथा कर्ण का पालक पिता था। वाला, योग्य, गुणी-याच्या मोघा वरमधिगणे नाधमे | अधिराज, (पुं०) अधिराजः [ अधि+राज्+क्विप् राजन् लब्धकामा-मेघ. ६, 2 जिसकी डोरी कसकर खिची +टच् वा ] प्रभुसत्ता प्राप्त या परमशासक, सम्राट्, हो (जैसे धनुष)।
-अद्यास्तमेतु भुवनेष्वधिराजशब्द:--उत्त० ६।१६, अधिचरणम् -[ अधि+च+ल्युट ] किसी के ऊपर चलना। राजा, प्रधान, स्वामी (मनुष्य और पश्वादिकों का), अधिजननम् -[ अधि+जन्+ल्युट ] जन्म ।
हिमालयो नाम नगाधिरज:-कु० १११, इसी प्रकार अधिजिहः-ब० स०] सांप--द्वा-जिहिका 1 ताल मृग, नाग आदि। जिह्वा 2 जिह्वा की सूजन (रोग)।
अधिराज्यम्, अधिराष्ट्रम् [अधिकृतं राज्यं राष्ट्रम् अत्र ] अधिज्य (वि.) [ अध्यारूढा ज्या यत्र, अधिगतं ज्यां वा]] 1 शाही हकमत या सम्राट् का शासन, सर्वोच्चता,
धनुष की डोरी को कस कर खींचे हुए, या कस कर | शाही मर्यादा 2 साम्राज्य 3 देश का नाम । खिंची हुई डोरी वाला (जैसा कि धनुष)। सम० | अधिरूढ (वि.) [अधि+रुह.+क्त ] 1 सवार, चढ़ा हुआ
-धन्वन्,-कार्मुक (वि०) धनुष की डोरी को ताने । 2 बढ़ा हुआ। हए-त्वयि चाधिज्यकामुके-श०१६ ।
अधिरोहः [अधि+रुह - घन ] 1 गजारोही 2 सवार होना, अधिस्यका [ अघि+त्यकन्+टाप् ] गिरिप्रस्थ (पहाड़ के ____ चढ़ना।
ऊपर की समतल भूमि ) उच्चसमभूमि--स्थाणु | अधिरोहणम् [अधि-कह+ल्युट ] चढ़ना, सवार होना, तपस्यन्तमधित्यकायाम्-कु०३।१७, अधित्यकायामिव चिता-रघ० ८1५७-णी सीढ़ी, सीढ़ी का झंडा घातुमय्याम्-रघु० २।२९ ।।
(लकड़ी आदि का)। अधिवन्तः[ अध्यारूढो दन्त:-प्रा० स०] दांत के ऊपर | अधिरोहिन (वि.) [ अधि+रह+णिनि ] चढ़ने वाला, निकलने वाला दांत।
सवार होने वाला, ऊपर उठने वाला,—णी सीढ़ी, मषिदेवः, अधिदेवता [प्रा. स. अधिष्ठाता-त्री देवः । जीने की पौड़ी या डंडा।
प को डोरी काका (जैसा कि भाडोरी को ताने
रोहः [अधि
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