Book Title: Mulachar
Author(s): Manoharlal Shastri
Publisher: Anantkirti Digambar Jain Granthmala

Previous | Next

Page 22
________________ गाथा पृ.सं. मा.सं. गाथा पृ.सं. गा.सं. गूढसिरसंधिपव्वं... ९४। २१६ | चंडो चवलो मंदो... ३४१। ९५५ गदिठाणोग्गाहणका १००। २३३ चिरपव्व इदंवि मुणी ३४२। ९५८ गामे णगरेरण्णे ... १२१। २९१ चदुरंगुला च जिब्भा ३५२१ ९८९ गामं णगरं रणं ... १२१॥ २९३ चाओ य होइ दुविहो ३५७।१००६ गोयरपमाणदायग... १४३॥ ३५५ चउथीए पुढवीए ... ३७४।१०५८ गुणाधिए उवज्झाए १५५। ३९० चत्तारि धणुसदाइं... ३८४।१०९२ गेरुय हरिदालेण व १८६। ४७४ चउरिंदियाणमाऊ... ३९०११०९ गामेयरादिवासी ... २८६। ७८५ चंदस्स सदसहस्सं ३९४।११२२ गिरिकंदरं मसाणं ... ३४०। ९५० गुणतीसजोयणसदा ३८५।१०९३ छादालदोससुद्धं ... ६॥ १३ गदि आदिमग्गणाओ ४१५।११८८ छंदण गहिदे दवे ५८। १२८ गइ इन्दिये च काये ४१७१११९७ छन्वीसं पणवीसं ... ९७। २२४ छुहतण्हासीउण्हा... १०७। २५४ घोडयलदायखंभे ... २४८। ६६८ छहमदसमदुवा ... १४०। ३४८ . घोरे णिरयसरिच्छे २९३। ८०६ छीरदहिसप्पितेलं... १४२। ३५२ घोडयलदिसमाण ... ३४४। ९६४ | छज्जीवणिकायाणं ... १६८। ४२४ घिदभरिदघडसरित्थो ३५३॥ ९९१ छहिं कारणेहिं असणं १८७। ४७८ छज्जीवणिकाएहिं ... २४३। ६५४ चक्खू सोदं घाणं ... । १६ | छट्ठमभत्तेहिं ... २९४। ८१० चिरउसिदबंभयारी ४७॥ १०२ छप्पिय पज्जत्तीओ ३७१।१०४७ चादुव्वण्णे संघे ... ११०। २६३ | छट्ठीए पुढवीए ... ३७५।१०६० चत्तारि महावियडी १४२। ३५३ छद्धणुसहस्सुस्सेधं ... ३७६।१०६३ चउरंगुलंतरपादो ... २१८। ५७३ / छठ्ठीदो पुढवीदो ... ४०५।११५७ चउवीसयणिज्जुत्ती... २१९। ५७४ चत्तारि पडिक्कमणे... २२७। ६.० जीवणिबद्धा एदे ... ॥ ९ चादुम्मासे चदुरो... २४५। ६५८ जीवाजीवसमुत्थे ... ९। २१ चिरकालमज्जिदं पिय २७४। ७४८ | जीविदमरणे लाहा... १०॥ २३ चलचवलजीविदमिणं २८२॥ ७७३ जं किंचि मे दुचरियं १८ १८. ३९

Loading...

Page Navigation
1 ... 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 ... 470