Book Title: Mulachar
Author(s): Manoharlal Shastri
Publisher: Anantkirti Digambar Jain Granthmala

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Page 20
________________ गाथा पृ.सं. गा.सं.] गाथा पृ.सं. गा.सं. एयंतम्हि वसंता ... २८७। ७९० एदं सरीरमसुई ... ३०४। ८४४ कायेंदियगुणमग्गण । ५ एदारिसे सरीरे ... ३०६। ८५० | का देवदुग्गईओ ... २९॥ ६२ एदे इन्दियतुरया ... ३१६। ८७९ / कंदप्पमामिजोरगं ... २९ ६३ एवं चरियविहाणं ... ३१९॥ ८८८ कंखिदकलुसिदभूदो ३८ ८१ एवं संजमरासिं ... ३२०। ८९० कणयलदा णागलदा ४०। ८६ एवं मए अमिथुदा ३२०। ८९१ | कंदरपुलिणगुहादिसु ६२॥ १३४ एको वा बि तयो वा .३३०। ९२० कोई सव्वसमत्थो... ६६। १४५ एवं तु जीवदव्वं ... ३४९। ९७९ / कंटयखण्णुयपडिणी ६९। १५२ एवं विधाणचरियं ... ३६०।१०१५ कण्णं विधवं अंते ... ८२। १८२ एवं सीलगुणाणं ... ३६९।१०४१ | किं बहुणा भणिदेण दु ८३। १८६ एइन्दियेसु चत्तारि ३७०।१०४६ कंदो मूलो छल्ली ... ९३। २१४ एवं दीवसमुद्दा ... ३७९।१०७६ | कुलजोणिमग्गणावि य ९६। २२० एइन्दिय णेरइया ... ३८७।१०९९ | कोडिसदसहस्साई... ९६। २२२ एकं च तिणि सत्तय ३९२।१११५ / कालेण उवाएण य १०४। २४६ एइन्दिय विगलिंदिय ३९६।११२८ कोडिल्लमासुरक्खा ... १०८। २५७ एइन्दियवियलिंदिय ३९९।११३७ काले विणये उवहा ११२॥ २६९ एवं तु सारसमए ... ४१३।११८४ कलहादिधूमकेदू... ११५। २७५ एइन्दियादि पाणा ४१४।११८६ कुलवयसीलविहूणे ११८। २८४ एइन्दियादि जीवा ४१५।११८९ कायकिरियाणियत्ती १३५। ३३३ एतो अपुवकरणो ४१७१११९६ | कोहभयलोहहासप १३७॥ ३३८ एइन्दियाय पंचे ... ४१९।१२०१ | काले विणए उवहा १४७॥ ३६७ एइन्दियाय जीवा... ४१९।१२०२ काइय वाइयमाणसि १४९। ३७२ एगणिगोदसरीरे ... ४२०११२०४ कित्ती मेत्ती माण ... १५५। ३८८ एइन्दिया अणंता ... ४२०।१२०५ कल्लाणपावगाओ ... १५९। ४०० ओ कीदयडं पुण दुविहं १७२। ४३५ ओघियसामाचारो... ६०। १२९ | कोमारतणुतिगिंछा १७८। ४५२ ओसायहिमगमहिगा ९२॥ २१० कोण य माणेण य १७९। ४५३

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