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त्याग जिस भावना से ली जीवन पर्यन्त उसी भावना से त्याग तप की पालना की। सभी सतियों जी को गुरुदेव की ओर से धैर्य बंधावें एवं आर्त्तध्यान नहीं करें सभी की सुखसाता पूछावें। जिस प्रकार उन्होंने त्याग तप से अपना दीर्घ जीवन बिताया उन्हीं के बताये हुए मार्ग पर चलकर अपने जीवन का कल्याण करें।
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रामपुरा
शिवपुर में शोक सभा आज प्रातः काल ब्यावर से सूचना मिली कि मद्रास में स्व. गुरुदेव युवाचार्य श्री मधुकर मुनिजी म.सा. की आज्ञानुवर्तिनी महासती श्री कान कंवरजी म.सा. का स्वर्गवास हो गया।
सूचना मिलते ही श्री संघ में शोक की लहर छा गई. व्याख्यान बन्द रखा गया। ब्यावर निवासी श्रीमान हक्मीचन्दजी साहब कोठारी की अध्यक्षता में शोक सभा हई। शोक सभा में चार लोगस्स का ध्यान किया गया।
महासतीश्री के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया। शोक सभा में उप प्रवर्तक श्रमण विनय कुमार 'भीम' ने महासती के जीवन पर प्रकाश डाला। श्रमण 'भीम' ने कहाकि महासती प्रवर का जीवन साधना मय था। लम्बे साधना काल में अपना यशस्वी जीवन जीकर नाम रोशन किया। पवित्र चरित्र आत्मा को मैं श्रद्धांजलि समर्पित करता हूँ। शिवपुर संघ ने दुःख व्यक्त किया। ऐसे विषम समय में हम सभी उन महासती जी की शिष्याओं कि साथ हैं। हमारे पास धैर्य धारण करने के अतिरिक्त अन्य कोई उपाय नही
श्री संघ शिवपुर, (भीड़वाड़ा)
हार्दिक श्रद्धांजलि
• प्रेषक - प्रकाश जैन, ताल, जिला उदयपुर (राज.) __ आज हमारे यहाँ थाणा से विहार करके पूज्य गुरुदेव श्री विनय कुमार जी 'भीम' श्री निरंजन मुनिजी म.सा. अदि ठाणा महासती जी श्री उगमकुवंर जी म. सा. परम् विदुषी महासती जी मनोहरकुवंर जी म. सा. आदि ठाणा ५ यहाँ पधारे, महावीर जयन्ती यहीं मनायेगें। अचानक जोधपुर, ब्यावर से पत्र मिले। जिसमें उल्लेख था, कि महासती श्री चम्पाकुवंर जी म.सा. का मद्रास में स्वर्गवास हो गया। कब हुआ किस अवस्था में हुआ, हमें कुछ भी जानकारी नहीं बहुत दुःख हुआ। इस विकट परिस्थिति में पूज्य महाराज श्री कानकुवंर जी म.सा. धैर्य रखावे छोटी साध्वियों को हिम्मत रखने का कहें। इधर गुरुदेवश्री
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