Book Title: Jain Sampraday Shiksha Athva Gruhasthashram Sheelsaubhagya Bhushanmala
Author(s): Shreepalchandra Yati
Publisher: Pandurang Jawaji
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चतुर्थ अध्याय ।
धातुओं के योग से मिले हुए पानी से (जिस में पारा सोमल और सीसा आदि विषैले पदार्थ गलकर मिले रहते हैं उस जलसे) भी रोगों की उत्पत्ति होती है ।
३-खुराक-शुद्ध, अच्छी, प्रकृति के अनुकूल और ठीक तौर से सिजाई हुई खुराक के खाने से शरीर का पोषण होता है तथा अशुद्ध, सड़ी हुई, बासी, विगड़ी हुई, कच्ची, रूखी, बहुत ठंढी, बहुत गर्म, भारी, मात्रा से अधिक तथा मात्रा से न्यून खुराक के खाने से बहुत से रोग उत्पन्न होते हैं, इन सब का वर्णन संक्षेप से इस प्रकार है:-सड़ी हुई खुराक से-कृमि, हैजा, वमन, कुष्ठ (कोढ़), पित्त तथा दस्त आदि
रोग होते हैं। २-कच्ची खुराक से-अजीर्ण, दस्त, पेट का दुखना और कृमि आदि रोग होते हैं। ३-रूखी खुराक से-वायु, शूल, गोला, दस्त, कब्जी, दम और श्वास आदि रोग
उत्पन्न होते हैं। ४-वातल खुराक से-शूल, पेट में चूक, गोला तथा वायु आदि रोग उत्पन्न होते हैं। ५-बहुत गर्म खुराक से-खांसी, अम्लपित्त (खट्टी वमन), रक्तपित्त (नाक और मुख
आदि छिद्रों से रुधिर का गिरना) और अतीसार आदि रोग उत्पन्न होते हैं । ६-बहुत ठंढी खुराक से-खांसी, श्वास, दम, हांफनी, शूल, शर्दी और कफ आदि
रोग उत्पन्न होते हैं। ७-भारी खुराक से-अपची, दस्त, मरोड़ा और बुखार आदि रोग उत्पन्न होते हैं। ८-मात्रा से अधिक खुराक से-दस्त, अजीर्ण, मरोड़ा और ज्वर आदि रोग उत्पन्न
होते हैं। ९-मात्रा से न्यून खुराक से-क्षय, निर्बलता, चेहरे और शरीर का फीकापन और
बुखार आदि रोग उत्पन्न होते हैं। इस के सिवाय मिट्टी से मिली हुई खुराक से-पाण्डु रोग होता है, बहुत मसालेदार खुराकसे-यकृत् (कलेजा अर्थात् लीवर) बिगड़ता है और बहुत उपवास के करने से शूल और वायुजन्य रोग आदि उत्पन्न होकर शरीर को निर्बल कर देते हैं।
४-कसरत-कसरत से होनेवाले लाभों का वर्णन पहिले कर चुके हैं तथा उसका विधानभी लिख चुके हैं, उसी नियमके अनुसार यथाशक्ति कसरत करने से बहुत लाभ होता है, परन्तु बहुत मेहनत करने से तथा आलसी होकर बैठे रहने से बहुतसे रोग होते हैं, अर्थात् बहुत परिश्रम करनेसे बुखार, अजीर्ण, उरुस्तम्भ (नीचेके भागका रह जाना) और श्वास आदि रोगोंके होने की संभावना होती है तथा आलसी होकर बैठे रहने से-अजीर्ण, मन्दाग्नि, मेदवायु और अशक्ति आदि रोग होते हैं, भोजन कर कसरत करने से-कलेजे को हानि पहुँचती है, भारी अन्न खाकर कसरत करने से-आमवात का प्रकोप होता है।
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