Book Title: Jain Sampraday Shiksha Athva Gruhasthashram Sheelsaubhagya Bhushanmala
Author(s): Shreepalchandra Yati
Publisher: Pandurang Jawaji
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जैनसम्प्रदायशिक्षा।
३-चामड-पूर्व काल में धांधल राठौड़ थे तथा दयामूल जैन धर्म का ग्रहण करने के बाद ये लोग खाल का व्यापार करने लगे थे इस लिये ये चामड़ कहलाये।
४-वागरेचा-पूर्व समय में सोनगरा चाहान थे तथा जालोर में दयामूल जैन धर्म का ग्रहण करने के बाद वे वागरे गाँव में रहने लगे थे इस लिये वे वागरेच कहलाये परन्तु कुछ लोग ऐसा भी कहते हैं कि-बाघ के मारने से उन की जात बाधरेचा हुई।
५-बेदमूता-पूर्व काल में ये पँवार राजपूत थे, ओसियाँ में दयामूल जैन धर्म का ग्रहण करने के बाद द्दन के किसी पूर्वज (बड़ेरे) ने दिल्ली के बादशाह की आँख का इलाज किया था जिस से इन को बेद का खिताव मिला था, बीकानेर में राजा की तरफ से इन को राव तथा महाराव की पदवी भी मिली थी, असल में ये वीदावतों के कामदार थे इस लिये इन्हें मोहता पदवी भी मिली थी, बस दोनो (बेद और मोहता) पदवीयों के मिलने से ये लोग बेदमूता कहलाने लगे।
६-लूकड-पहिले ये चौहान राजपूत थे, दयाभूल जैन धर्म का ग्रहण करने के पीछे इन के एक पूर्वज ( बड़ेरे) को एक जती ( यति) ने सन्दूक में छिपा कर उसी राजा के आदमियों से बचाया था कि जिस राजा की वह नौकरी करता था, चूंकि छिपाने को लुकाना भी कहते हैं इस लिये उस का और उस की औलाद का नाम लूकड़ हो गया।
७-मिन्नी-(मिनिया)-पहिले ये चौहान राजपूत थे, दयामूल जैन धर्म का ग्रहण करने के बाद इन का एक पूर्वज ( बड़ेरा) (जिस के पास में धन माल था) किसी गाँव को जा रहा था परन्तु रास्ते में उसे लुटेरे मिल गये और उन्हों ने उस से कहा कि-"सेठ ! राम राम", सेठ ने कहा कि-"कूड़ी बात" फिर लुटेरों ने कहा कि-"सेठ ! अच्छे हो" सेठ ने फिर जबाब दिया कि-"कूड़ी बात" इस प्रकार लुटेरों ने दस बीस बातें पूंछी परन्तु सेठ उसी (कूड़ी बात ) शब्द को कहता रहा, आखिरकार लुटेरों ने कहा कि-"तेरे पास जो माल और गहना आदि सामान है वह सब दे दे" तब सेठ बोला कि-"हाँ आ साँची बात, म्हें तो लैण देण रोही धंधो करां छां, थे म्हाँ ने खत लिख दो और ले लो" लुटेरों ने विचारा कि-यह सेठ भोला है, खत लिखने में अपना क्या हर्ज है, अपने को कौन सा देना पड़ेगा, यह सोच कर उन्हों ने सेठ के कहने के अनुसार खत लिख दिया, सेठ ने भी इच्छा के अनुसार अपने माल से चौगुने माल का खत लिखवा लिया और लुटेरों से कहा कि-"इस खत में साख घलवा दो" लुटेरों ने
२-“कूड़ी बात" अर्थात् यह झूठी बात है ॥ २-अर्थात् यह सच्ची बात है, हम तो लेने देने का ही धन्धा करते हैं, तुम हम को खत लिख दो और हमारा सब सामान ले लो। ३-“साख घलवा दो" अर्थात् किसी की साक्षी (गवाही) डलवा दो॥
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