Book Title: Jain Sampraday Shiksha Athva Gruhasthashram Sheelsaubhagya Bhushanmala
Author(s): Shreepalchandra Yati
Publisher: Pandurang Jawaji

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Page 740
________________ ७२६ जैनसम्प्रदायशिक्षा | ११२ - हे पासा लेनेवाले ! तेरा काम सिद्ध नहीं होगा, इस लिये विचारे हुए काम को छोड़ कर दूसरा काम कर तथा देवाधिदेव का ध्यान रख, इस शकुन का यह प्रमाण (पुरावा) है कि- तू रात को स्वम में काक (कौआ), घुग्घू, गीध, मक्खियाँ, मच्छर, मानो अपने शरीर में तेल लगाया हो अथवा काला साँप देखा हो, ऐसा देखेगा। ११३ - हे पूछनेवाले ! तू ने जो विचार किया है उस का फल सुन, तू किसी स्थान ( ठिकाने ) को वा धन के लाभ को अथवा किसी सज्जन की मुलाकात को चाहता है, यह सब तुझे मिलेगा, तेरे क्लेश और चिन्ता के दिन बहुत से बीत गये, अब तेरे अच्छे दिन आ गये हैं, इस बात की सत्यता ( सचाई ) का प्रमाण यह है कि - तेरी कोख पर तिल वा मसा अथवा कोई घाव का चिह्न है । ११४ - हे पूछने वाले ! यह पासा बहुत कल्याणकारी है, कुल की वृद्धि होगी, ज़मीन का लाभ होगा, धन का लाभ होगा, पुत्र का भी लाभ दीखता है और प्यारे मित्र का दर्शन होगा, किसी से सम्बन्ध होगा तथा तीन महीने के भीतर विचारे हुए काम का लाभ होगा, गुरु की भक्ति और कुलदेवी का पूजन कर, इस बात की सत्यता का प्रमाण यह है कि तेरे शरीर के ऊपर दोनों तरफ मसा; तिल वा घाव का चिह्न है । १२१ - हे पूछने वाले ! तूने ठिकाने का लाभ तथा सज्जन की मुलाकात विचारी है, धातु, धन, सम्पत्ति और भाई बन्धु की वृद्धि तथा पहिले जैसे सम्मान का मिलना विचारा है, यह सब बात निर्विघ्न ( विना किसी विघ्न के ) तेरे लिये सुखदायी होगी, इस का निश्चय तुझे इस प्रकार हो सकता है कि तू स्वप्न में अपने बड़े लोगों को देखेगा । १२२ - हे पूछनेवाले ! तुझे वित्त ( धन और यश का लाभ होगा, ठिकाना और सम्मान मिलेगा तथा तेरी मनोऽभीष्ट ( मनचाही ) वस्तु मिलेगी, इस में शङ्का मत कर, अब तेरा पाप और दुःख क्षीण हो गया, इस लिये तुझे कल्याण की प्राप्ति होगी, इस का पुरावा यह है कि तू रात को स्वम में अथवा प्रत्यक्ष में लड़ाई का करना देखेगा । १२३ - हे पूछनेवाले ! तेरे कार्य और धन की सिद्धि होगी, तेरे विचारे हुए - सब मामले सिद्ध होंगे, कुटुम्ब की वृद्धि, स्त्री का लाभ तथा स्वजन की मुलाकात होगी, तेरे मन में जो बहुत दिनों से विचार है वह अब जल्दी पूर्ण होगा, इस बात का यह पुरावा है कि- तेरे घर में लड़ाई तथा स्त्रीसम्बन्धी चिन्ता आज से पाँचवें दिन के भीतर हुई होगी । १२४ - हे पूछनेवाले ! तेरी भाइयों से जल्दी मुलाकात होगी, तेरा सुकृत अच्छा है, ग्रह का बल भी अच्छा है, इस लिये तेरे सब काम हो जावेंगे, तू अपनी कुलदेवी का पूजन कर । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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