Book Title: Jain Sampraday Shiksha Athva Gruhasthashram Sheelsaubhagya Bhushanmala
Author(s): Shreepalchandra Yati
Publisher: Pandurang Jawaji
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जैनसम्प्रदायशिक्षा।
३११-हे पूछनेवाले ! तू इस बात को विचारता है कि-मैं देशान्तर ( दूसरे देश)को जाऊँ मुझे ठिकाना मिलेगा वा नहीं, सो तू कुलदेवी को वा गुरुदेव को याद कर, तेरे सब विघ्न मिट जावेंगे तथा तुझे अच्छा लाभ होगा और कार्य में सिद्धि होगी, इस बात की सत्यता में यह प्रमाण है कि-तू स्वप्न में पहाड़ वा किसी ऊँचे स्थल को देखेगा।
३१२-हे पूछनेवाले! तेरे मनोरथ पूर्ण होवेंगे, तेरे लिये धन का लाभ दीखता है, तेरे कुटुम्ब की वृद्धि तथा शरीर में सुख धीरे २ होगा, देवतों की तथा ग्रहों की जो पूर्व की पीड़ा है उस की शान्ति के लिये देवता की आराधना कर, ऐसा करने से तू जिस काम का आरम्भ करेगा वह सब सिद्ध होगा, इस बात की सत्यता का यह प्रमाण है कि-तू स्वप्न में गाय, घोड़ा और हाथी आदि को देखेगा।
३१३-हे पूछनेवाले ! तेरे मन में धन की चिन्ता है और तू कुछ दिल का नरम है, तेरे दुश्मन ने तुझे दबा रक्खा है, तेरा मित्र भी तेरी सहायता नहीं करता है, तू सज्जनता को बहुत रखता है, इस लिये तेरा धन लोग खाते हैं, सो कुछ ठहर कर परिणाम में तेरा भला होगा अर्थात् तेरा सब दुःख मिट जावेगा, इस बात का यह पुरावा है कि-तेरे घर में लड़ाई हुई है वा होगी।
३१४-हे पूछनेवाले! यह शकुन कल्याण तथा गुण से भरा हुआ है, तू निश्चि. न्तता (बेफिक्री) के साथ जल्दी ही सब कामों का सिद्ध होना चाहता है; सो वे सब काम धीरे २ सिद्ध होंगे, इस बात की सत्यता का यह प्रमाण है कि-तू स्वप्न में वृष्टि का होना, सम्पत्ति, तालाव; वा मछली; इन में से किसी वस्तु को देखेगा।
३२१-हे पूछनेवाले ! यह शकुन अच्छा नहीं है, यह काम, जो तू ने विचारा है निरर्थक है, एक महीने तक तेरे पाप का उदय है इस लिये इस की आशा को छोड़ कर तू दूसरा काम कर, क्योंकि-यह काम अभी नहीं होगा, इस बात की सत्यता का यह प्रमाण है कि-तू स्वप्न में प्रोल वा गवैया लोगों को अथवा नगर को देखेगा, सर्कार से तुझे तकलीफ होगी इस लिये यहाँ से और स्थान को चला जा कि-जिस से तुझे तकलीफ न होगी।
३२२-हे पूछनेवाले! एक महीना हुआ है तब से धन के लिये तेरे चित्त में उद्वेग हो रहा है परन्तु अब तेरे शत्रु भी मित्र हो जावेंगे, सुख सम्पत्ति की वृद्धि होगी, धन का लाभ अवश्य होगा और सर्कार से भी तुझे कुछ सम्मान मिलेगा, इस बात का यह पुरावा है कि-तू ने मैथुन की बात चीत की है।
३२३-हे पूछनेवाले ! यद्यपि तेरे भाग्य का थोडा उदय है परन्तु तकलीफ तो तुझे है ही नहीं, तुझे अच्छे प्रकार से रहने के लिये ठिकाना मिलेगा, धन का लाभ होगा, प्यारे सज्जनों की मुलाकात होगी तथा सब दुःखों का नाश होगा, तू मन में चिन्ता मत कर, इस बात का यह पुरावा है कि-तू स्वप्न में प्यारों से मुलाकात को देखेगा।
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