Book Title: Jain Sampraday Shiksha Athva Gruhasthashram Sheelsaubhagya Bhushanmala
Author(s): Shreepalchandra Yati
Publisher: Pandurang Jawaji
View full book text
________________
:: पञ्चम अध्याय।
६६९ मध्यप्रदेश (मालवा) की समस्त बारह न्यातें। सं. नाम न्यात सं० नाम न्यात सं० नाम भ्यात सं. नाम न्यात १ श्रीश्रीमाल ४ ओसवाल ७ पल्लीवाल १० महेश्वरी डीडू २ श्रीमाल ५ खंडेलवाल ८ पोरवाल . ११ हूमड़ । ३ अग्रवाल ६ वघेरवाल ९ जेसवाल १२ चौरंडिया गौढवाड़, गुजरात तथा काठियावाड़ की समस्त बारह
न्यातें। सं. नाम न्यात सं० नाम न्यात सं० नाम न्यात सं० नाम न्यात १ श्रीमाल ४ चित्रवाल ७ पोरवाल १० महेश्वरी २ श्रीश्रीमाल ५ पल्लीवाल ८ खंडेलवाल ११ ठंठवाल ३ ओसवाल ६ बघेरवाल ९ मेड़तवाल १२ हरसौरा यह पञ्चम अध्याय का बारह न्यातवर्णन नामक पाँचवाँ प्रकरण समाप्त हुआ ॥
छठा प्रकरण । चौरासी न्यातवर्णन ।
चौरासी न्यातों तथा उन के स्थानों के नामों का विवरण। सं० नाम न्यात स्थान से सं. नाम न्यात स्थान से ५ श्रीमाल भीनमाल से १० अवकथवाल आँबेर आभानगर से २ श्रीश्रीमाल हस्तिनापुर से ११ ओसवाल ओसियाँ नगर से ३ श्रीखण्ड श्रीनगर से १२ कठाड़ा खाटू से ४ श्रीगुरु आभूना डौलाइ से १३ कटनेरा
कटनेर से ५ श्रीगौड़ सिद्धपुर से १४ ककस्थन वालफँडा से ६ अगरवाल अगरोहा से ३५ कपोला नग्रकोट से ७ अजमेरा अजमेर से १६ काँकरिया करौली से ८ अजौधिया अयोध्या से १७ खरवा खेरवा से ९ अडालिया भाडणपुर से १८ खडायता
१-इन में श्री श्रीमाल हस्तिनापुर से, अग्रवाल अगरोहा से, पोरवाल पारेवा से, जेसवाल जैसलगढ़ से, हूमड़ सादवाड़ा से तथा चौरंडिया चावंडिया से आये थे, शेष का स्थान प्रथम लिख ही चुके हैं ॥ २-इन में से चित्रवाल चित्तोड़गढ़ से, ठंठवाल...............से तथा हरसौरा हरसौर से आये थे, शेष का स्थान प्रथम लिख ही चुके हैं ॥ ३-'स्थानों के' अर्थात् जिन २ स्थानों से आ २ कर एकत्रित हुए थे उन २ स्थानों के ॥
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com