Book Title: Jain Sampraday Shiksha Athva Gruhasthashram Sheelsaubhagya Bhushanmala
Author(s): Shreepalchandra Yati
Publisher: Pandurang Jawaji
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चतुर्थ अध्याय ।
४४७ ८ ड्राम =१ औंस। ८ पीन्ट-१ ग्यालन । १२ औंस = पाउण्ड । २ ग्रेन =१ रत्ती। ६ अन =१ बाल।
१ औंस =२॥ रुपयेभर । जो प्रवाही (पतली) दवाइयां जहरीली अथवा बहुत तेज़ नहीं होती हैं उन को साधारण रीति से (चमचा आदि भर के) भी पिला देते हैं, उस का क्रम इस प्रकार है:
१ टी स्पुन फुल-१ ड्राम। १ डिबर्ट स्पुन फुल=२ ड्राम। १ टेबुल स्पुन फुल=४ ड्राम ३ औंस। १ वाईनग्लास फुल=२ औंस ।
अंग्रेजी में अवस्था के अनुसार दवा देने की देशी मात्रा। पूरी अवस्था के आदमी को पूरी मात्रा का परिमाण (१ भाग गिनें तो); संख्या । __ अवस्था।
मात्रा । १ से ३ महीने के बालक को। पूरी मात्रा का । २ ३ से ६ महीने के बालक को। पूरी मात्रा का ।
से १२ महीने के बालक को। पूरी मात्रा का है। १ से २ वर्ष के बालक को। पूरी मात्रा का है। २ से ३ वर्ष के बालक को। मात्रा का है। ३ से ४ वर्ष के बालक को। पूरी मात्रा का।
४ से ७ वर्ष के बालक को। पूरी मात्रा का। ८ ७ से १४ वर्ष के बालक को। पूरी मात्रा का। ९ १४ से २१ वर्ष के जवान को। पूरी मात्रा का ३ । १० २१ से ६० वर्ष के पूर्णायु पुरुष को। पूर्ण मात्रा देनी चाहिये।
विशेष वक्तव्य-एक महीने के बच्चे को एक बायबिडंग के दाने के वजन जितनी दवा देनी चाहिये, दो महीने के बच्चे को दो दाने जितनी दवा देनी चाहिये, इसी क्रम से प्रति महीने एक एक वायविडंग जितनी मात्रा बढ़ाते जाना चाहिये, इस प्रकार से १२ महीने के बालक को बारह बायविडंग जितनी दवा चाहिये, जिस प्रकार बालक की मात्रा अवस्था की वृद्धि में बढ़ा कर दी जाती है उसी प्रकार साठ वर्ष की अवस्था के पीछे वृद्ध पुरुष की मात्रा धीरे २ घटानी चाहिये अर्थात् साठ वर्षतक पूरी मात्रा देनी चाहिये पीछे प्रति सात २ वर्ष से ऊपर लिखे क्रम से मात्रा को कम करते जाना चाहिये परन्तु धातु की भल तथा रसायनिक दवा की मात्रा एक राई से लेकर अधिक से अधिक एक बाल तक भी दी जाती है।
१-यह विषय प्रायः देशी दवा के विषय में समझना चाहिये, अर्थात् अवस्था के अनुसार देशी दवा की मात्रा यह समझनी चाहिये ॥
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