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( १४ ) ॥ ग्रहाधिप चक्रम् ॥
कन्या
ध
मंडल गुरु शनि
२. अथ ग्रहोच्चनीचद्वारम्
रवेर्मेषतुले प्रोक्ते चन्द्रस्य वृषवृश्चिकौ। भौमस्य मृगककौ च कन्यामीनौ बुधस्य च ॥१३॥ जीवस्य कर्कमकरौ मीनकन्ये सितस्य च ।
तुलामेषौ च मन्दस्य उच्चनीचे उदाहृते ॥१४॥ अर्थात् सूर्य की मेष एवं तुला राशियाँ ; चन्द्रमा की वृषभ एवं वृश्चिक; मंगल की मकर एवं कर्क; बुध की कन्या एवं मीन; गुरु की कर्क एवं मकर; शुक्र की मीन एवं कन्या और शनि की तुला एवं मेष राशियाँ हैं। ये क्रमशः उच्च एवं नीच राशियाँ कही गई हैं।
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