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नैगम-व्यवहारनय सम्मत भंगोपदर्शनता
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दुपएसिए य अणाणुपुव्वी य अवत्तव्वए य चउभंगो १२। अहवा तिपएसिए य परमाणुपोग्गले य दुपएसिए य आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वी य अवत्तव्वए य १ अहवा तिपएसिए य परमाणुपोग्गले य दुपएसिया य आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वी य अवत्तव्वयाइं च २ अहवा तिपएसिए य परमाणुपुग्गला य दुपएसिए य आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वीओ य अवत्तव्वए य ३ अहवा तिपएसिए य परमाणुपोग्गला य दुपएसिया य आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वीओ य अवत्तव्वयाई च ४ अहवा तिपएसिया य परमाणुपोग्गले य दुपएसिए य आणुपुव्वीओ य अणाणुपुव्वीओ य अवत्तव्वए य ५ अहवा तिपएसिया य परमाणुपोग्गले य दुपएसिया य आणुपुव्वीओ य अणाणुपुव्वी य अवत्तव्वयाइं च ६ अहवा तिपएसिया य परमाणुपोग्गला य दुपएसिए य आणुपुव्वीओ य अणाणुपुव्वीओ य अवत्तव्वए य ७ अहवा तिपएसिया य परमाणुपोग्गला य दुपएसिया य आणुपुव्वीओ य अणाणुपुव्वीओ य अवत्तव्वयाई च ।। सेत्तं गमववहाराणं भंगोवदंसणया। . भावार्थ - नैगम - व्यवहारनय सम्मत भंगोपदर्शन कैसा है? ।
नैगम -व्यवहारनय सम्मत. भंगोपदर्शनता का विश्लेषण इस प्रकार है - १. त्रिप्रदेशिक स्कन्ध आनुपूर्वी है २. परमाणुपुद्गल अनानुपूर्वी है, ३. द्विप्रदेशिक स्कन्ध अवक्तव्य है, अथवा ४. त्रिप्रदेशिक अनेक स्कन्ध आनुपूर्वियाँ हैं, ५. (अनेक) परमाणु पुद्गल अनानुपूर्वियाँ हैं ६. (अनेक) द्विप्रदेशिक स्कन्ध अवक्तव्य हैं, (यह असंयोगज छह भागों का स्वरूप है)।
अथवा, त्रिप्रदेशिक परमाणु पुद्गल में आनुपूर्वी एवं अनानुपूर्वी के आधार पर चार भंग बनते हैं।
अथवा, त्रिप्रदेशिक और द्विप्रदेशिक स्कन्ध में आनुपूर्वी और अवक्तव्य के आधार पर चार भंग बनते हैं। ___ अथवा, परमाणुपुद्गल और द्विप्रदेशिक स्कन्ध में अनानुपूर्वी और अवक्तव्य के आधार पर चार भंग बनते हैं। अथवा १. त्रिप्रदेशिक स्कन्ध, परमाणुपुद्गल और द्विप्रदेशिक स्कन्ध आनुपूर्वी, अनानुपूर्वी एवं अवक्तव्य रूप हैं। अथवा २. त्रिप्रदेशिक स्कन्ध, परमाणुपुद्गल एवं द्विप्रदेशिक
8 अणणायरिसे बारस भंगुल्लेहो लब्भइ। * अन्य प्रतियों में बारह भंग प्राप्त होते हैं।
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