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अनुयोगद्वार सूत्र
शब्दार्थ - गणिजइ - गिना जाता है, एगो - एक, सयसहस्सं - लाख, दससयसहस्साई- दस लाख, कोडी - करोड़।
भावार्थ - गणिम प्रमाण का क्या स्वरूप है?
जिसके द्वारा गिना जाता है, उसे गणिम प्रमाण कहते हैं। एक, दस, सौ, सहस्र, दस सहस्र, लाख, दस लाख, करोड़ इत्यादि एतत् परिमित रूप हैं।
एएणं गणिमप्पमाणेणं किं पओयणं?
एएणं गणिमप्पमाणेणं भितग-भिति-भत्त-वेयण-आय-व्वयसंसियाणं दव्वाणं गणिमप्पमाणणिव्वित्तिलक्खणं भवइ। सेत्तं गणिमे।
शब्दार्थ - भित्तग - भृत्य - नौकर, भित्ति - भृति-भरण, भत्त - भोजन, वेयण - वेतन, आय - आमदनी, व्वय - खर्च।
भावार्थ - गणिम प्रमाण द्वारा नौकरों की मजदूरी, भोजन, वेतन एवं आय-व्यय संबंधित लेखा-जोखा आदि की गणना की जाती है। यह गणिम प्रमाण का स्वरूप है।
विवेचन - माप, तौल और नापने से जिन वस्तुओं के परिमाण का निश्चय नहीं किया जा सकता, उनको जानने के लिए गणिम (गणना) प्रमाण का उपयोग होता है।
प्रतिमान प्रमाण से किं तं पडिमाणे? पडिमाणे - जं णं पडिमिणिज्जइ, तंजहा - गुंजा, कागणी, णिप्फावो, कम्ममासओ, मंडलओ, सुवण्णो। पंच गुंजाओ-कम्ममासओ , चत्तारि कागणीओ - कम्ममासओ, तिण्णि णिप्फावा-कम्ममासओ, एवं चउक्को कम्ममासओ । बारस कम्ममासया-मंडलओ, एवं अडयालीसं कागणीओमंडलओ, सोलस कम्ममासया-सुवण्णो, एवं चउसट्टि कागणीओ - सुवण्णो। .. शब्दार्थ - पडिमिणिज्जइ - प्रतिमान किया जाता है, गुंजा - चिरमी, कागणी - कौड़ी या कपर्दिका, कम्ममासओं - कर्म माषक - उड़द के दाने के आधार पर पांच गुंजा या पांच
* सा कोट्ठिया जा उवरिं हेट्ठा संकिण्णा मझे विसाला।
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