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असंख्यात के भेद
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है, पक्खिप्पमाणेणं - डाले जाते हुए, जावइया - जितने, अप्फुण्णा - स्पृष्ट हो जाएं, एवइए - उतने, पढमा सलागा - प्रथमा शलाका, असंलप्या - अवर्णनीय, जंसि - जिसमें।
भावार्थ - उत्कृष्ट संख्यात कियत्प्रमाण होता है?
उत्कृष्ट संख्या की प्ररूपणा करूँगा - जैसे कोई यथानाम - अज्ञातनामा पल्य हो। वह एक लाख योजन लम्बा-चौड़ा तथा तीन लाख सोलह हजार दो सौ सत्ताईस योजन तीन कोस एक सौ अट्ठाईस धनुष एवं साढे तेरह अंगुल से कुछ अधिक परिधियुक्त हो। उस पल्य को सरसों के दोनों से भरा जाए। उन सरसों के दानों को द्वीपों और समुद्रों के उद्धार प्रमाण रूप में निकाला जाय। उन सर्षपों में से क्रमशः एक को द्वीप में, एक को समुद्र में (इस क्रम में) डालते-डालते उन दानों से जितने द्वीप-समुद्र स्पृष्ट हो जाएं, उतना क्षेत्र प्रथम पल्य शलाका है। इस प्रकार के शलाका पल्यों में भरे हुए सरसों के दाने, जिनका संलाप - वर्णन नहीं किया जा सकता, इतने लोक भरे हुए हों, तब भी उत्कृष्ट संख्यात का स्थान प्राप्त नहीं करता।
इस संदर्भ में क्या कोई दृष्टांत है?
जैसे कोई आँवलों से भरा हुआ मंच हो। उसमें यदि एक आँवला डाला जाता है तो वह समा जाता है। दूसरा आँवला डाला जाता है तो वह भी समा जाता है और भी डाले जाएँ तो वे भी समा जाते हैं। इस प्रकार डालते-डालते अंततः जब वह स्थिति आ जाती है कि एक आँवला और डालने से वह मंच (पूरी तरह) भर जाए। उसी प्रकार उस मंच में एक का (आँवले का) प्रक्षेप करने से जघन्य परित्त असंख्यात होता है। । तत्पश्चात् अजघन्य अनुत्कृष्ट (मध्यम) स्थान है यावत् उत्कृष्ट परितासंख्यात को न पा ले।
विवेचन - इस सूत्र में पल्य के साथ जो 'सलागा' शब्द का वर्णन हुआ है, उल्लेख हुआ है, वह एक विशेष भाव का द्योतक है। संस्कृत में इसका रूपान्तरण शलाका होता है। शलाका तीक्ष्ण होने के साथ-साथ स्वच्छ, निर्मल और उज्वल भी होती है। इस कारण उसका लाक्षणिक प्रयोग या लक्ष्यार्थ उत्तम, श्रेष्ठ या विशिष्ट पदार्थों और पुरुषों के लिए भी हुआ है। ... उदाहरणार्थ - जैन परम्परा में तिरेसठ (६३) शलाका पुरुष माने गए हैं, जिनमें चौबीस (२४) तीर्थंकर, बारह (१२) चक्रवर्ती, नौ (९) वासुदेव, नौ (९) प्रतिवासुदेव तथा नौ (९) बलदेव समाविष्ट हैं। ___पल्य के साथ - शलाका शब्द का प्रयोग उसके वैशिष्ट्य का द्योतक है। एक-एक साक्षीभूत सरसों के दाने से भरे जाने के कारण, जैसा कि सूत्र में उल्लेख हुआ है, शलाका पल्य निष्पन्न होता है।
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