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सूक्ष्म क्षेत्रपल्योपम
एक समय में एक-एक आकाश प्रदेश को गिनने पर जितने काल में वे बालानों से स्पर्शित आकाश प्रदेश गिने जाए उतने काल को एक व्यावहारिक क्षेत्र पल्योपम कहा जाता है। इसको दस कोडाकोडी से गुणा करने पर एक व्यावहारिक क्षेत्र सागरोपम होता है। इन पल्योपमों सागरोपमों की प्ररूपणा-सूक्ष्म क्षेत्र पल्योपम, सागरोपम का स्वरूप सरलता से समझाने के लिए की गई है।
पूर्व में जो व्यावहारिक उद्धार पल्योपम और व्यावहारिक अद्धा पल्योपम का स्वरूप बताया है, उन्हीं के समान बालाग्र कोटियों से पल्य को भरने की प्रक्रिया यहां भी ग्रहण की गई है। किन्तु उनसे इसमें अन्तर यह है कि पूर्व के दोनों पल्यों में समय की मुख्यता है, जबकि यहाँ क्षेत्र (आकाश प्रदेश) की मुख्यता से कथन किया गया है।
सूक्ष्म क्षेत्रपल्योपम से किं तं सुहुमे खेत्तपलिओवमे?
सुहमे खेत्तपलिओवमे - से जहाणामए पल्ले सिया-जोयणं आयामविक्खंभेणं जाव तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं, से णं पल्ले एगाहियबेयाहियतेयाहिय जाव भरिए वालग्गकोडीणं, तत्थ णं एगमेगे वालग्गे असंखिज्जाइं खंडाई कज्जइ, ते णं वालग्गा दिडिओगाहणाओ असंखेजइभागमेत्ता सुहुमस्स पणगजीवस्स सरीरोगाहणाओ.असंखेजगुणा, ते णं वालग्गा णो अग्गी डहेजा जाव णो पूइत्ताए हव्वमागच्छेजा, जे णं तस्स पल्लस्स आगासपएसा तेहिं वालग्गेहिं अप्फुण्णा वा अणाफुण्णा वा तओ णं समए समए एगमेगं आगासपएसं अवहाय जावइएणं कालेणं से पल्ले खीणे जाव णिट्ठिए भवइ सेत्तं सुहुमे खेत्तपलिओवमे। ... भावार्थ - सूक्ष्म क्षेत्रपल्योपम का क्या स्वरूप है?
सूक्ष्म क्षेत्रपल्योपम अपने नामानुरूप है। जैसे एक धान्य रखने का पल्य-कुआँ हो, जो एक योजन लम्बा-चौड़ा गहरा हो यावत् इसकी परिधि तीन गुनी से कुछ अधिक हो। इस पल्य को एक दिन, दो दिन, तीन दिन यावत् उत्कृष्टतः सात दिन-रात के उगे हुए करोड़ों बालारों से भर दिया जाए। तदनन्तर इन बालानों के ऐसे असंख्यात खंड किए जाएँ कि वे दृष्टिगम्य पदार्थों
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