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कालानुपूर्वी का निरूपण
पूर्वानुपूर्वी एक प्रदेशावगाढ़, द्विप्रदेशावगाढ यावत् दशप्रदेशावगाढ यावत् संख्यात प्रदेशावगाढ, असंख्यात प्रदेशावगाढ रूप है। यह पूर्वानुपूर्वी का विवेचन है ।
से किं तं पच्छाणुपुव्वी ?
पच्छाणुपुव्वी - असंखिज्जपएसोगाढे, संखिज्जपएसोगाढे जाव एगपएसोगाढे । तं पच्छाणुपुवी ।
भावार्थ - पश्चानुपूर्वी कैसी है?
असंख्यात प्रदेशावगाढ तथा संख्यातप्रदेशावगाढ से लेकर यावत् एकप्रदेशावगाढ पर्यन्त व्यतिक्रम से पश्चानुपूर्वी ज्ञातव्य है ।
यह (औपनिधिकी क्षेत्रानुपूर्वी) पश्चानुपूर्वी का स्वरूप है।
से किं तं अणाणुपुव्वी ?
अणाणुपुव्वी - एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए असंखिज्जगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूणो । सेत्तं अणाणुपुव्वी । सेत्तं उवणिहिया खेत्ताणुपुव्वी । सेत्तं खेत्ताणुपुव्वी ।
भावार्थ - अनानुपूर्वी का क्या स्वरूप है ?
एक से प्रारंभ कर एक-एक की वृद्धि करते हुए असंख्यात प्रदेश पर्यन्त स्थापित श्रेणी के अन्तरवर्ती अंकों का गुणन करने से प्राप्त राशि में से शुरु के एवं अंत के दो रूपों को कम करने से अवशिष्ट राशि (क्षेत्र विषयक) अनानुपूर्वी का स्वरूप है।
यह अनानुपूर्वी का वर्णन है ।
यह औपनिधिकी क्षेत्रानुपूर्वी का निरूपण है।
इस प्रकार क्षेत्रानुपूर्वी का वर्णन परिसमाप्त होता है ।
(१०५) कालानुपूर्वी का निरूपण
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से किं तं कालाणुपुव्वी ?
कालाणुपुव्वी दुविहा पण्णत्ता । तंजहा - उवणिहिया य १ अणोवणिहिया य २ ।
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