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दस नाम - शिल्प नाम
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इसी प्रकार यहाँ दिये गए अन्य उदाहरण कर्म या व्यवसाय के आधार पर निष्पन्न तद्धित प्रत्यय प्रसूत हैं। ___ यहाँ प्रयुक्त भंड-भांड शब्द बर्तन तथा अन्य उपकरण, सामग्री या मालअसबाब के अर्थ
प्रस्तुत सूत्र में किन्हीं-किन्हीं प्रतियों में - 'तणहारए, कट्ठहारए, पत्तहारए' ये तीन शब्द प्रारंभ में अधिक मिलते हैं। टीका में भी ये शब्द नहीं दिये हैं एवं इनका अर्थ भी नहीं दिया गया है। इन शब्दों का अर्थ क्रमशः इस प्रकार से समझना चाहिये -
१. तणहारए - घास को लाकर, उसे बेचकर आजीविका करने वाला। १. कछहारए - काष्ठ (लकड़ी) को लाकर उसे बेचकर आजीविका करने वाला। ३. पत्तहारए - पत्तों को लाकर एवं उनसे अनेक वस्तुएँ निर्मित कर बेचने वाला।
२. शिल्य नाम से किं तं सिप्पणामे?
सिप्पणामे - (वत्थिए, तंतिए) तुण्णए, तंतुवाए, पट्टकारे, उएटे, वरुडे, मुंजकारे, कट्टकारे, छत्तकारे, वज्झकारे, पोत्थकारे, चित्तकारे, दंतकारे, लेप्पकारे, सेलकारे, कोट्टिमकारे। सेत्तं सिप्पणामे।
___ शब्दार्थ - सिप्पणामे - शिल्पनाम, तुण्णए - तौनिक - रफू करने वाला, तंतुवाए - तंतुवाय - जुलाहा या कपड़े बुनने वाला, पट्टकारे - पट्ट बनाने वाला कारीगर, उएढे -
औवृत्तिक - शरीर पर पीठी आदि लगाकर मैल उतारने वाला नाई आदि, वरुडे - विशेष शिल्पकार, मुंजकारे - मौजकार - मूंज आदि के रस्से बनाने वाला, कट्टकारे - काष्ठकार - काठ कारीगर या बढ़ई, छत्तकारे - छत्रकार - छाते बनाने वाला, वज्झकारे - वाह्यकार - रथ आदि, यान-वाहन बनाने वाला, पोत्थकारे - पौस्तकार - जिल्दसाज, पुस्तकों पर जिल्दें चढ़ाने वाला कारीगर, चित्तकारे - चित्रकार, दंतकारे - दंतकार - हाथी दांत आदि के उपकरण बनाने वाला, लेप्पकारे - लेप्यकार - भवन बनाने वाला कारीगर, सेलकारे - शैलकार - पत्थरों की घड़ाई करने वाला कारीगर, कोट्टिमकारे - कौट्टिमकार - परिखा आदि की खुदाई का कारीगर।
भावार्थ - शिल्पनाम का क्या तात्पर्य है?
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