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प्रमाण-भेद - मान प्रमाण
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विवेचन - यहाँ प्रयुक्त विभाग विषयक भेदों के संदर्भ में ज्ञातव्य है -
१. मान - तेल आदि तरल पदार्थों तथा धान्य आदि ठोस पदार्थों के मापने के पात्र विशेष मान कहे जाते हैं।
२. उन्मान - सामान आदि को तोलने की तराजू, कांटा आदि उन्मान कहा जाता है। ३. अवमान - भूमि को मापने के लिए प्रयोग में आने वाले - फीते आदि। ४. गणिम - एक, दो, तीन, चार इत्यादि के रूप में गणना करने की विधि। ५. प्रतिमान - स्वर्ण आदि बहुमूल्य धातुओं के तौल में प्रयुक्त गुञ्जा, माष आदि।
मान प्रमाण से किं तं माणे? माणे दुविहे पण्णत्ते। तंजहा - धण्णमाणप्पमाणे य १ रसमाणप्पमाणे य २॥ शब्दार्थ - धण्णमाणप्पमाणे - धान्यमान प्रमाण। भावार्थ - मान प्रमाण कितने प्रकार का है? मान प्रमाण दो प्रकार का है - १. धान्यमान प्रमाण तथा २. रसमान प्रमाण।
. १. धान्यमान प्रमाण से किं तं धण्णमाणप्पमाणे?
धण्णमाणप्पमाणे - दो असईओ-पसई, दो पसईओ-सेइया, चत्तारि सेइयाओ-कुलओ, चत्तारि कुलया-पत्थो, चत्तारि पत्थया-आढगं, चत्तारि आढगाई-दोणो, सहि आढगाइं-जहण्णए कुंभे, असीइ आढगाई-मज्झिमए कुंभे, आढयसयं-उक्कोसए कुंभे अट्ठ य आढयसइए-वाहे।
भावार्थ - धान्यमान प्रमाण का क्या स्वरूप है?
धान्यमान प्रमाण के अन्तर्गत दो असति (असृति) की एक प्रसृति, दो प्रसृति की. एक सेतिका, चार सेतिका का एक कुडव, चार कुडव का एक प्रस्थ, चार प्रस्थों का एक आढक, चार आढकों का एक द्रोण, साठ आढकों का एक जघन्य कुंभ, अस्सी आढकों का एक मध्यम कुंभ, सौ आढकों का एक उत्कृष्ट कुंभ तथा आठ सौ आढकों का एक बाह होता है।
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