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वर्णनाम
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गुणणामे पंचविहे पण्णत्ते। तंजहा-वण्णणामे १ गंधणामे २ रसणामे ३ फासणामे ४ संठाणणामे ५।
भावार्थ - गुण कितने प्रकार के हैं?
गुण पांच प्रकार के प्रतिपादित हुए हैं - १. वर्णनाम २. गंधनाम ३. रसनाम ४. स्पर्शनाम ५. संस्थाननाम।
वर्णनाम से किं तं वण्णणामे?
वण्णणामे पंचविहे पण्णत्ते। तंजहा - कालवण्णणामे १ णीलवण्णणामे २ लोहियवण्णणामे ३ हालिद्दवण्णणामे ४ सुक्किल्लवण्णणामे ५। सेत्तं वण्णणाम। . भावार्थ - वर्णनामं कितने प्रकार का है?
वर्णनाम पांच प्रकार का प्रतिपादित हुआ है - १. काला - कृष्ण वर्णनाम २. नील वर्णनाम ३. लोहित वर्णनाम ४. हारिद्र वर्णनाम (हल्दीवत्-पीतवर्णनाम) ५. शुक्ल वर्णनाम। - यह वर्णनाम का निरूपण है।
विवेचन - वर्ण का तात्पर्य रंग से है। मूलतः वर्ण पांच प्रकार के हैं, जिनका प्रस्तुत सूत्र में उल्लेख है और भी अनेक वर्ण जो पाए जाते हैं, इन्हीं पांच में से भिन्न-भिन्न वर्गों के संयोग या सम्मिश्रण से बनते हैं।
से किं तं गंधणामे?
गंधणामे दुविहे पण्णत्ते। तंजहा - सुरभिगंधणामे य १ दुरभिगंधणामे य २। सेत्तं गंधणामे।
भावार्थ - गंधनाम के कितने प्रकार हैं?
गंधनाम के दो प्रकार कहे गये हैं - १. सुरभिगंधनाम (सुगंध) तथा २. दुरभिगंधनाम (दुर्गन्ध)।
यह गंधनाम का स्वरूप है। से किं तं रसणामे?
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