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अनुयोगद्वार सूत्र
२१ अडडे २२ अववंगे २३ अववे २४ हुहुयंगे २५ हुहुए २६ उप्पलंगे २७ उप्पले २८ पउमंगे २६ पउमे ३० णलिणंगे ३१ णलिणे ३२ अत्थणिउरंगे ३३ अत्थणिउरे ३४ अउयंगे ३५ अउए ३६ णउयंगे ३७ णउए ३८ पउयंगे ३६ पउए ४० चूलियंगे ४१ चूलिया ४२ सीसपहेलियंगे ४३ सीसपहेलिया ४४. पलिओवमे ४५ सागरोवमे ४६
ओसप्पिणी ४७ उस्सप्पिणी ४८ पोग्गलपरियट्टे ४६ अतीतद्धा ५० अणागयद्धा ५१ सव्वद्धा ५२। सेत्तं पुव्वाणुपुव्वी।
भावार्थ - औपनिधिकी कालानुपूर्वी कितने प्रकार की है?
औपनिधिकी कालानुपूर्वी तीन प्रकार की प्रज्ञप्त हुई है - १. पूर्वानुपूर्वी २. पश्चानुपूर्वी एवं ३. अनानुपूर्वी।
पूर्वानुपूर्वी का क्या स्वरूप है?
निम्नांकित रूप (बढ़ते क्रम) से पदों का व्यवस्थापन करना पूर्वानुपूर्वी है - यथा - १. समय २. आवलिका ३. आनप्राण ४. स्तोक ५. लव ६. मुहूर्त ७. अहोरात्र ८. पक्ष ६. मास १०. ऋतु ११. अयन १२. संवत्सर १३. युग १४. वर्षशत १५. वर्षसहस्त्र १६. वर्षशतसहस्त्र १७. पूर्वांग १८. पूर्व १९. त्रुटितांग २०. त्रुटित २१. अडडांग २२. अडड २३. अववांग २४. अवव २५. हुहुकांग २६. हुहुक २७. उत्पलांग २८. उत्पल २६. पद्मांग ३०. पद्म ३१. नलिनांग ३२. नलिन ३३. अर्थनिपुरांग ३४. अर्थनिपुर ३५. अयुतांग ३६. अयुत ३७. नयुतांग. ३८. नयुत ३६. प्रयुतांग ४०. प्रयुत ४१. चूलिकांग ४२. चूलिका ४३. शीर्षप्रहेलिकांग ४४. शीर्ष प्रहेलिका ४५. पल्योपम ४६. सागरोपम ४७. अवसर्पिणी ४८. उत्सर्पिणी ४६. पुद्गल परावर्त ५०. अतीताद्धा ५१. अनागताद्धा ५२. सर्वाद्धा।
यह पूर्वानुपूर्वी का विवेचन है। से किं तं पच्छाणुपुव्वी? पच्छाणुपुव्वी-सव्वद्धा ५२ अणागयद्धा ५१ जाव समए १। सेत्तं पच्छाणुपुव्वी। भावार्थ - पश्चानुपूर्वी का क्या स्वरूप है?
५२. सर्वाद्धा ५१. अनागताद्धा यावत् १. समय पर्यन्त पदों का विपरीत क्रम में संस्थापन पश्चानुपूर्वी है।
यह पश्चानुपूर्वी का निरूपण है।
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