________________
अनेकान्त/55/2
भगवान का जन्म यहीं हुआ था।
(श्रमण-2001. मे प्रकाशित "वैशाली' नामक लेख, पृ. 46-47.)
पं. कल्याणविजय गणि और आचार्य विजयेन्द्र सूरि जी महाराज के उपर्युक्त निष्कर्ष से यह स्पष्ट है कि भगवान महावीर का जन्म विदेह देशस्थ कुण्डपुर, जो वैशाली के समीप है, में हुआ था, लिछुआड़ (मुंगेर-अंगदेश) या कुण्डपुर (नालन्दा-मगध) देश में नहीं।
जैन, बौद्ध और वैदिक परम्परा के शास्त्रों में अंग, मगध और विदेह स्वतन्त्र देश बतलाये गये हैं। बृहत्कल्पसूत्र वृत्ति, प्रज्ञापनासूत्र, सूत्रकृतांग, टीका, प्रवचनसारोद्वार आदि में जिन आर्य देशों का उल्लेख है, उनमें अंग, मगध और विदेह की भे गणना है। बौद्धग्रन्थों में उल्लिखित सोलह महाजनपदों में भी इनका नामोल्लेख पाया जाता है। आदिपुराण में भी इनका पृथक्-पृथक उल्लेख है। अतः यह स्पष्ट हो जाता है कि प्राचीन समय में ये तीनों स्वतन्त्र देश रहे हैं। वर्तमान बिहार अंग, मगध और विदेह इन तीनों प्राचीन देशों का संयुक्त रूप है, केवल विदेह का नहीं। यहाँ उक्त तीनों देशों (जनपदों) की सीमाओं के विषय में विचार करते हैं। ___ अंग जनपद की सीमाओं के विषय में डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्री का यह कथन दृष्टव्य है- "चम्पेय जातक (506) के अनुसार चम्पानदी अंग-मगध की विभाजक प्राकृतिक सीमा थी, जिसके पूर्व और पश्चिम में यह दोनों जनपद बसे हुए थे। अंग जनपद की पूर्वी सीमा राजमहल की पहाड़ियाँ, उत्तरी सीमा कोसी नदी और दक्षिण में उसका समुद्र तक विस्तार था।" (आदिपुराण मे प्रतिपादित भारत, पृ. 44-45) अतः अंग देश का विस्तार पूर्व में राजमहल की पहाड़ियों तक, पश्चिम में चम्पा नदी तक, उत्तर में कोयी नदी तक और दक्षिण में समुद्र तक था।
प्राचीन काल में मगध देश गंगा नदी के दक्षिण में वाराणसी से मुंगेर तक फैला हुआ था, इसकी दक्षिणी सीमा दामोदर (दमूद) नदी के उद्गम स्थान कर्णसुवर्ण (सिंहभूम) तक मानी जाती थी। बौद्धकाल में मगध की सीमा पूर्व में चम्पा नदी, पश्चिम में शोण (सोन) नदी, उत्तर में गंगा नदी और दक्षिण