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वीर सेवा मंदिर त्रैमासिक
अनेकान्त
प्रवर्त्तक : आ. जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर'
इस अंक में
कहाँ / क्या?
1. जे दिन तुम विवेक बिन खोये
2 बोधपाहुड में वर्णित प्रव्रज्या
3. स्याद्वाद
-
-डॉ जयकुमार जैन
डॉ सत्यदेव मिश्र
4 १७० वर्ष पूर्व उत्तरी भारत में दिगम्बर जैन मुनियों का विहार
अनुपचन्द न्यायतीर्थ
6. तीर्थंकर भगवान् महावीर और उनका अपरिग्रह दर्शन डॉ. अशोक कुमार जैन
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7. जीव का अकाल मरण एक व्यापक दृष्टि डॉ. श्रेयास कुमार जैन
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5 श्रमण परम्परा के वन्दनीय साधक और उनके मध्य सम्बन्ध डॉ राजेन्द्रकुमार बसल
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59
वर्ष - 55,
किरण-4
अक्टूबर-दिसम्बर 2002
सम्पादक :
डॉ. जयकुमार जैन
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वीर सेवा
मंदिर
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