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आध्यात्मिक आलोक
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अच्छा मानते हैं और जिस धर्म को मानने वाले नीति एवं सदाचार से गिरे होते हैं उस धर्म के विषय में लोगों की धारणा अच्छी नहीं बनती ।
____ साधु-सन्त कितना ही सुन्दर उपदेश दें, धर्म की महिमा का बखान करें और वीतराग प्रणीत धर्म की उत्कृष्टता का प्रतिपादन करें, मगर जब तक गृहस्थों का एवं उसके अनुयायियों का व्यवहार अच्छा न होगा तब तक सर्वसाधारण को वीतराग धर्म की उत्कृष्टता का ख्याल नहीं आ सकता । अतएव अपने आचरण को श्रेष्ठ बनाना भी धर्म प्रभावना का एक अंग है । प्रत्येक गृहस्थ को यह अनुभव करना चाहिये कि वह जिनधर्म का प्रतिनिधि है और उसके व्यवहार से धर्म को नापा जाता है, अतएव ऐसा कोई कार्य उसके द्वारा न हो जिससे लोगों को उसकी और उसके द्वारा धर्म की आलोचना करने का अवसर प्राप्त हो ।
केश वाणिज्य में समस्त द्विपदों और चतुष्पदों का समावेश होता है । अतएव किसी भी जाति के पशु या पक्षी को बेच कर लाभ उठाना श्रावक के लिए निषिद्ध है।
पूर्वोक्त पांच व्यवसायों के लिए 'वाणिज्य' शब्द का प्रयोग किया गया है, क्योकि यहां उत्पादन नहीं किया जा रहा है, उत्पन्न वस्तु को खरीद कर बेचना ही वाणिज्य कहलाता है । यहां इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि पशुओं की अनावश्यक संख्या बढ़ जाने से, उनको सम्भाल सकने की स्थिति न होने से या ऐसे ही किसी दूसरे कारण से अपने पशु को बेच देना केश वाणिज्य नहीं कहलाएगा । केश वाणिज्य तभी होगा जब मुनाफा लेकर बेच देने की दृष्टि से ही कोई पशु-पक्षी खरीदा जाय और फिर मुनाफा लेकर बेचा जाय । श्रावक इस प्रकार का व्यापार नहीं करेगा।
ऊन या बाल अधिक समय तक पड़े रहें तो उनमें कीड़े पड़ जाते हैं, अतएव उनका व्यापार भी निषिद्ध कहा जाता है ।
द्विपद और चतुष्पद का व्यापार करने वाला उनकी रक्षा का विचार नहीं करेगा | उनकी सुख-सुविधा के प्रति लापरवाह रहेगा और उन्हें कष्ट में डाल देगा । जो इस विचार को लोग ध्यान में रखेगे वे बेकार पशुओं को बेचकर कत्ल की धार उतारने के पाप से बच जाएगे ।
__ अजमेर की घटना है। किसी व्यक्ति का घोड़ा लंगड़ा हो गया । वह सवारी के काम का न रहा । घोड़े के स्वामी ने उसे गोली मार देने का इरादा किया, किन्तु रीयां वाले सेठ मगनलालजी को जब यह विदित हुआ तो उन्होंने पालन