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धातुरूप ]
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नोट- वर्तमान, भविष्यत्, विधि और आज्ञार्थ में स्वरान्त धातुओं में प्रत्ययों से पहले तथा सभी प्रत्ययों के स्थान पर विकल्प से 'ज्ज' और 'ज्जा' आदेश भी होते हैं । जैसे— हो (भू) धातु के रूप बनेंगे ।
एकवचन
प्र० पु० (क) होई > होज्जइ, होज्जाई
बहुवचन
होन्ति > होज्जन्ति, होन्ते > होज्जन्ते, होइरे > होज्जरे
(ख) होज्ज, होज्जा
होज्ज, होज्जा
इसी तरह अन्यत्र सभी पुरुषों और सभी वचनों में समझ लेना चाहिए ।
धातुरूप
भाग १ : व्याकरण
एकवचन
हसीअ
एकवचन
प्र० पु० हसइ, हसए, हसेइ
हससि, हससे, हसे सि
म० पु० उ० पु०
हसामि, हसमि, हसेमि
अकारान्त 'हंस' (हस् = हँसना )
वर्तमानकाल
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बहुवचन
हसन्ति, हसन्ते, हसिरे, हसेन्ते हसित्था, हसह, हसे इत्था, हसेह हसिमो, मु, म, हसामो, मु, म, हसमो
-मुन्म, हसेमो, मु, म
भूतकाल (तीनों पुरुषों में)
एकटाचन
प्र० पु० हसिहि, हिए, हसिस्सइ म० पु० हसिहिसि, हिसे, -स्ससि
बहुवचन
हसीअ
भविष्यत्काल
बहुवचन
हसि हिन्ति, हिन्ते, हिरे, सन्ति हसिहित्था, हिह स्सह
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