Book Title: Prakrit Dipika
Author(s): Sudarshanlal Jain
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 290
________________ अनाज, मसाला] प्रथम परिशिष्ट : शब्दकोश [२६५ ज्वार-तुवरो तिल-तिलो तीसी-अतसी तेजपात = तेअपत्तं दालचीनी-गुडत्तओ नमक-लोणं पीपल-पिप्पली पुदीना- पुदिनो बड़ी इलायची=थूलेला बहेड़ा=बहेडओ मसाला-वेसवारो मसूर मसूरो मिरचा लाल-रत्तमरियं मूंग-मुग्गो मेथी-मेहिमा रस - रसो राई-रायिका लवंग लवंगो शीतलचीनी कंकोली सरसों- सस्सपो सोंठसुठी सौंफ-सयपुप्फा स्याह जीरा-किसणजीरओ हल्दी-हलद्दा, हलद्दी हींग-हिंगू (१२) वृक्ष बबूल - बब्बुरो बरगद-वडो बांस-वंसो रीठा अरिट्ठो सहजन-सोहांजणो साखू-पालविच्छो हरड़-हरडई (१३) भोज्य पदार्थ गुझिआ संयावो गुड़-गुडो घी घयं, सप्पि, आज्ज घेवर-घयपूरो अशोक असोयो कचनार-कंचणारो कनेर कण्णिआरो चन्दन चंदनविच्छो डाल-साहा डंठ ल=बुतो पीपल - अस्सत्थो पौधा लहुपादवो आटा चुण्णं खिचड़ी = खिच्चडिआ खीर-पायसं खोआकिलाडो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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