Book Title: Prakrit Dipika
Author(s): Sudarshanlal Jain
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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[ २६३
श रीर के अंग ] प्रथम परिशिष्ट : शब्दकोश मछली-मच्छो
मेढ़क - भेओ, दद्दुरो मधुमक्खी - महुमक्खिा
साँप सप्पो, भुयंगो
(८) शरीर के अंग आंख=णयणं, नेतं, अच्छि, चक्खु नाक-गासिआ, णासा अंगुली अंगुली
नाखून-नहो ओठ - अहरो, ओट्ठो
नाभि=णाही कन्धा-अंसो
नितम्ब-नियंबो कपाल-कवालो, भालो
पीठ पिढें कमर कडी
पीब-किलेओ, पूर्व कलेजा -हिययं
पेट उयरं कान-कण्णो,सोतं
पर-चरणो, पाओ कांख कक्खो केश-केसो, कयो, बालो
बांह भुओ, बाहू केहुनी कहोणी
भौंह - भौं गाल-कवोलो, गल्लो
मांस-मंसं घटना-जाणु
मुंह-वयणं, मुहं चर्बी मेदो, वसा
मुट्ठी-मुट्ठिआ, मुट्ठी छाती-उरो, वच्छं
शोणित = रत्तं, रुहिरं जांघ-जंघा, जंहा
सिर मत्थओ, सिरं जीभ-जीहा, रसणा
स्तन थणो टांग-टंगो
हड्डी = अस्थि दांत-दसणो, दंतो
हथेली-करयलं दाढ़ी-मूंछ समस्सू
हाथ-करो, पाणी, हत्थो
(९) तरकारी बरवीअरलू
कद्दू अलाबू, तुबी बाल आलुओ
करेला कारवेल्लो ककड़ी, खीरा-चिन्भडं
केला-कयली
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