Book Title: Prakrit Dipika
Author(s): Sudarshanlal Jain
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 287
________________ २६२ ] गरुड़ - गरुडो, वेणतेयो गाय = घेणू गीदड़ - सियारो गैंडा - गंडओ गोह-गोहा घड़ियाल = मगरो, नक्को घोड़ा = अस्सो, घोडओ चकवा - चक्कवाओ चीता-चित्तओ चील-चिल्ला तोतर - तित्तिरो नीलगाय - गवयो पपीहा = चायओ बकरा- अजो बगुला=बओ बत्तख-बत्तओ बन्दर-वानरो, मक्कडो बाघ - सद्दूलो, बाघो बाज - सेणो कछुआ - कच्छवो, कुम्मो कीड़ा-कीडो खटमल • मक्कुणो गिरगिट == सरडो गिलहरी - चमरपुच्छो चींटी-पिपीलिओ जूं - लिक्खा Jain Education International प्राकृत-दीपिका बैल-वसहो भालू - भालुओ, रिच्छा भेड़ = मेसो भेड़िया = कोओ, विओ भैंसा - महिसो मुर्गा = कुक्कुडो मूसा = मूसिओ, आखू मैना=सारिआ मोर मोरो लोमड़ी = खिखिरो वटेर=लावओ विडाल - मज्जारो, विडालो सारस = सारसो सिंह- सीहो, केसरी सुग्गा=सुओ, कीरो सुअर=सूअरी, वराहो हंस हंसो हरिण - मिओ हाथी - हत्थी, करी, गयो (७) सरीसृप और कीड़े-मकोड़े जौंक-जलूया पतिङ्गा - सलहो बिच्छू विच्छिओ भौंरा - छप्पद, भमरो, मक्खी-मछिआ मकड़]=मक्कडो, मच्छड़ = मसओ For Private & Personal Use Only [ सरीसृपादि लूया भसलो www.jainelibrary.org

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