Book Title: Prakrit Dipika
Author(s): Sudarshanlal Jain
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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२६० [
प्राकृत-दीपिका
[ सम्बन्धी
तमोली-तांबोलिओ तेली-तेलिओ दर्जी-सूइयारो, सूचिओ धोबी-रजओ नाई-णाविओ नाचनेवालाणच्चओ नौकर सेवओ, भिच्चो बजाने वाला-वायओ बढ़ईरहयारो, बढई बनिया-बणिओ बाजीगर-इन्दजालिओ
चाचा-पिइज्जो छोटा भाई = अणुओ जामाता - जामाया दादा-पिआमहो दादी - पिआमही देवरः-देवरो ननद=णणंदा नाना-मायामहो नानी मायामही नाती-त्तिओ पति भत्ता, सामी, पई पिता=विआ, जणओ, पिउ पुत्रवधू-पुत्तबहू, सुण्हा पोता-पोत्तो, णत्तुणिओ
मछुआ धीवरो, णिसादो मजदूर-समियो मोची-चम्मयारो रसोइआ-पाचओ, सूदो राज-थवई लुहार लोहयारो व्याध-वाहो वैद्य - वेज्जो सुनार-सुवण्णयारो
हलवाई मोदइओ, कांदाविओ (३) सम्बन्धी
पौत्र की पत्नी=णतुइणी प्रेयसी-पीअसी फुफेरा भाईपिउसिआणेयो फफी पिउच्चा, पिउसिआ बड़ा भाई-अग्गओ बहन-बहिणी बेटा-पुत्तो, तणयो बेटी-पुत्ती, तणया, दुहिआ भानजा - भाइणिज्जो, भाइणेओ भतीजा भाउणिज्जो भाई-भाया भौजाई-भाउजाया मां माआ, जणणी मामा माउलो
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