Book Title: Prakrit Dipika
Author(s): Sudarshanlal Jain
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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प्रथम परिशिष्ट : शब्दकोश
(१) वस्त्राभूषण सवटन - उदवट्टणं
धोया कपड़ा, धोती-धोतवत्थं ऊनी कपड़ा- रोमजं, ओण्णेयं पहुंची-कडओ कंगन - कंकणं
पांव का कड़ा-हंसओ कपड़ा - वरथं, वसनं
बाजू केयूरो कमीज = कमणीओ, कंचुअं
बिछिया=णूउरो, णेउरो करधनी - रसणा, मेहला
बेंदी ललाडिया कुण्डल - कुडलं
महावर लाछा कुर्ता - कंचुआं
मालामाला कोरा कपड़ा = अणाहयं वत्थं
मेंहदी = मेंहदी चोली - कंचुई
रेशमी कपड़ा-कोसेयं टोपी-सिरत्थं
साड़ी साडी तौलिया-पुछणी
सूती कपड़ा-कप्पासं दुपट्टा - उत्तरीयं
सिन्दूर सेंदूरो
(२) वृत्तिजीवी कलवार कलालो
ग्वाला गोवो कसाई-मांसिओ
चटाई बनाने वाला-बरुडो कारीगर सिप्पी
चौकीदार - पहरी, दारवालो किसान-किसओ, किसाणो
जासूस-चरो कुम्हार - कुभारो, कुलालो जुलाहा कोलिओ, पडयारो गड़रिया-मेसवालो, गडेरवालो ठठेरा-तंबकुट्टओ गवैया गायो
डाकू-दस्सू
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