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प्राकृत-दीपिका
[चतुर्थ एवं पञ्चम पाठ
२. वहाँ क्या हुआ - तत्थ किं होही ? ३. वह गाँव गया - सो गामं गच्छी । ४. उसने दूध पिया = सो दुद्ध पाही। ५ मैंने पुस्तक पढ़ी = अहं पात्थ पढीअ । ६ तुमने यह क्या किया - तुम इदं किं करीअ ? ७. तुम सबने आज गीत सुना = तुम्हे अज्ज गीअं सुणीअ । ८. कल यहाँ क्या हुआ - कल्ल अत्थ किं होही ?
९. कल वे सब वहाँ थे - कल्ल ते तत्य अहेसि । नियम
२३. भूतकाल के अर्थ में भूतकालिक क्रिया का प्रयोग होता है। संस्कृत की तरह अनद्यतन भूत, परोक्षभूत तथा सामान्य भूत ऐसा भेद नहीं है। सर्वत्र एक ही क्रिया का प्रयोग होता है । भूतकाल के रूपों में सर्वत्र ( सभी वचनों और सभी पुरुषों में ) अकारान्त धातु के होने पर 'ईअ' प्रत्यय जुड़ता है तथा अकारान्त से भिन्न धातुओं (आकारान्त, एकारान्त एवं ओकारान्त) में सर्वत्र ही, सी, हीअ' प्रत्यय जुड़ते हैं। शेष वर्तमान काल की तरह कार्य होते हैं। अभ्यास
(क) प्राकृत में अनुवाद कीजिए-कृष्ण ने कंस को मारा । क्या उसने कल गीत नही गाया ? मैंने दूध पिया । क्या उसने व्याकरण की पुस्तक पढ़ी ? मैंने पुस्तक नहीं पढ़ी । क्या तुम सबने अपना कार्य नहीं किया ? बालक गेंद से खेलते थे। उस छात्र ने रोटी ( रोटिअं) खाई। छात्रायें नदी में तेरी । किसान ने खेत जोता ( कस्सीअ )। वे ( ताओ ) स्त्रियां कल कहाँ ( कत्थ ) थीं ? वह वहाँ नहीं था । क्या उसने आचाराङ्ग पढ़ लिया ? मैंने उसकी रक्षा की। क्या उन्होंने कुएँ पर स्नान नहीं किया ?
(ख) हिन्दी में अनुवाद कीजिए --सा दव्वं फासी । तुमं फलं खाही। किं तुमं कलहीअ ? इत्थिा कहं पुच्छीअ । सा झत्ति जग्गीम । ते वत्थं कोणीम।
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