________________
निमित्तार्थक वाक्य ]
भाग २ : अनुवाद
[ १५५
चाहते हो? वे स्नान करने के लिए जायेंगे। मैं पढ़ने के लिये काशी जाऊंगा। वे पूजा करने के लिए मंदिर गये। मैं गाना गाने के लिए रङ्गशाला जाता हूँ। वे भोजन के लिए सेवा करते हैं। वे धोने के लिए ( धोविउं) कपड़े ले गये। क्या आप कुछ कहना चाहते हैं ?
(ख) हिन्दी में अनुवाद कीजिए-सा जलं पाउं चिट्ठइ । सो झाउं तं खमइ । तुमं किं कहिउं नमसि। जुवाणो धाविउं वसइ । बालओ कमलाणि पाउं सम्माणं करइ। तुमं वागरणं पढिउं भणिहिसि । किं सा रहस्सं जाणिउं णच्चइ ? दाउं इदं धणं । ठाउं इदं ठाणं । लिहिउं पुच्छिहि । इदं कज्जं तुए विणा को अण्णो का सक्कइ । अहं इदं दुक्करं कज्ज काउपयण्णं करिहामि । तुम्हे कलहिउं तक्कहित्था।
पाठ ११ प्रेरणात्मक वाक्य उदाहरण वाक्य [प्रेरणार्थक अ, ए, आव, आवे, आवि प्रत्ययों का प्रयोग]-. १. (क) शिष्य पढ़ता है = सीसो पढइ । (ख) मैं शिष्य को पढ़ाता हू = अहं सीसं पढावेमि पढावमि । (ग) मैंने शिष्य को पढ़ाया = अहं सीसं पढावीअ । (घ) मैं शिष्य को पढ़ाऊँगा - अहं सीसं पढाविहिमि । (ङ) मैं शिष्य को पढ़ाऊँ = अहं सीसं पढावमु ।
(च) मैं शिष्य से पढ़वाता हूँ = अहं सीसेण पढावेमि-पढावमि । २. (क) तम लिखते हो = तुमं लिहसि। (ख) हम तुम्हें लिखाते हैं - अम्हे तुमं लिहावेमो। (ग) हमने तुम्हें लिखाया - अम्हे तुमं लिहावीअ । (घ) हम तुम्हें लिखायेंगे = अम्हे तुमं लिहाविहामो । (ङ) हम तुम्हें लिखायें = अम्हे तुमं लिहावमो । (च) हम तुमसे लिखवाते हैं = अम्हे तुमये लिहावमो।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org