Book Title: Panchsangraha Part 07
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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गाथा १८
५२-५३ मोहनीयकर्म के अठारह पतद्ग्रहस्थान होने में युक्ति ५२ गाथा १६, २०
५४-५७ श्रेणी की अपेक्षा मोहनीयकर्म के पतद्ग्रहस्थानों में संक्रमस्थान
५४ गाथा २१, २२, २३, २४
५८-६१ मिथ्यादृष्टि आदि गुणस्थानों तथा औपशमिक सम्यग्दृष्टि के
उपशमश्रेणि में मोहनीय के पतद्ग्रहस्थानों में संक्रमस्थान गाथा २५
६१-६२ क्षपकश्रेणि के पतद्ग्रहस्थानों में मोहनीयकर्म के संक्रमस्थान ६२ गाथा २६, २७, २८
क्षायिक सम्यग्दृष्टि के उपशमश्रेणि में मोहनीयकर्म के पतद्
ग्रहस्थानों में संक्रमस्थान गाथा ६ अविरत आदि गुणस्थानों के पतद्ग्रहस्थान
६७ नामकर्म के संक्रमस्थान और पतद्ग्रहस्थान
६८ गाथा ३०, ३१, ३२
७०-८१ नामकर्म के पतद्ग्रहस्थानों में संक्रमण गाथा ३३
८१-८५ प्रकृतिसंक्रम में प्रकृतिसंक्रम का रूपक गाथा ३४
८५-८६ प्रकृतिसंक्रम विषयक कथन सम्बन्धी प्रश्नोत्तर
८५ गाथा ३५
८७-८६ स्थितिसंक्रम के अधिकारों के नाम
८७ स्थितिसंक्रम का लक्षण व भेद गाथा ३६
८९-६० प्रकृतियों का वर्गीकरण एवं बंधोत्कृष्टा, संक्रमोत्कृष्टा प्रकतियों के नाम
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