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कुमारसंभव
वहाँ के नागरिक देखो तो बस या तो यक्ष थे या किन्नर और स्त्रियाँ तो सब वन
देवियाँ ही थीं।
12. वधू :- स्त्री० [ उह्यते पितृगेहात् पतिगृहं वह +ऊधुक् ] पत्नी, धर्मपत्नी । असूत सा नागवधूपभोग्यं मैनाक मम्भोनिधि बद्धसख्यम् ।। 1/20 मेना के उस गर्भ से मैनाक नाम का वह प्रतापी पुत्र उत्पन्न हुआ, जिसने नाग कन्या के साथ विवाह किया, समुद्र के साथ मित्रता की ।
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उमा वधूर्भवान्दाता याचितार इमे वयम् । 6 / 82
उमा हों बहू, आप हों कन्यादान करने वाले, हम हों विवाह के लिए कहने वाले । दुकूल वासाः स वधू समीपं निन्ये विनीतैर वरोध दक्षैः । 7/73 रेशमी वस्त्र पहने हुए महादेवजी को रनिवास के सेवक उसी प्रकार पार्वती जी के पास ले गए, जैसे चन्द्रमा की किरणें फेन वाले समुद्र को तट पर पहुँचा देती
हैं।
वधू मुखं क्लान्तयवावतंसमाचारधूमग्रहणाद्बभूव । 7 / 82
उस हवन के गरम धुएँ से वधू [पार्वती जी ] के मुँह पर पसीने की बूँदे छा गईं, कानों पर धरे हुए वे भी धुंधले पड़ गए।
वधूं द्विजः प्राह तवैष वत्से वह्निर्विवाहं प्रति कर्मसाक्षी । 7/83
तब पुरोहितजी ने पार्वती से कहा कि हे वत्से ! यह अग्नि तुम्हारे विवाह का साक्षी है।
क्लिष्टमन्मथमपि प्रियं प्रभोर्दुर्लभप्रतिकृतं वधूरतम् । 8/8
इस प्रकार बाधाओं के साथ और अधूरे रस के साथ भी शिवजी ने वधू के साथ जो संभोग किया, उसमें उन्हें आनन्द ही मिला ।
भतृर्वल्लभतया हि मानसीं मातुरस्यति शुचं वधूजन: । 8/1
जब माता यह देख लेती है कि मेरी कन्या का पति कन्या को प्यार करता है, तो उसका जी हल्का हो जाता है।
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नन्दने चिर युग्म लोचनः संस्पृहं सुरव धूभिरीक्षितः । 8/27
नन्दनवन की अप्सराएँ महादेव की इस कला को बड़े चाव में निहारा करतीं । 13. वनिता : - [ वन्+त+टाप्] स्त्री, महिला, पत्नी ।
वने चराणां वनितासखानां दरीगृहोत्संगनिषक्त भासः । 1/10
यहाँ के किरात लोग जब अपनी-अपनी प्रियतमाओं के साथ, उन गुफाओं में विहार करने आते हैं।