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छ काय के बोल
(३१) उसे बादर पृथ्वी काय कहते हैं। इसके दो भेद-१ सुंवाली ( कोमल ) २ खरखरी ( कठिन) व ( कठोर)।
१ कोमल के सात भेद-१ काली मिट्टी २ नीली मिट्टी ३ लाल मिट्टी ४ पीली मिट्टी ५ खत मिट्टी ६ गोपी चन्दन की मिट्टी ७ पर पड़ी ( पण्डु ) मिट्टी।
१ कठोर पृथ्वी बादर काय के २२ भेदः
१ खदान की मिट्टी २ मुरड़ कंकर ( मरडिया) की मिट्टी ३ रेत-वेलु की मिट्टी ४ पाषाण-पत्थर की मिट्टी ५ बड़ी शिलाओं की मिट्टी ६ समुद्र की क्षारी (खार) ७ निमक की मिट्टी - तरुया की मिट्टी ह लोहे की मिट्टी १० सीसे की मिट्टी ११ ताम्बे की मिट्टी १२ रुपे (चांदी) की मिट्टी १३ सोने की मिट्टी १४ वज्र हीरे की मिट्टी १५ हरिताल की मिट्टी १६ हिंगलु की मिट्टी १७ मनसील की मिट्टी १८ पारे की मिट्टी १९ सुरमे की मिट्टी २० प्रवाल की मिट्टी २१ अवरख ( भोडर ) की मिट्टी २२ अबरख के रज की मिट्टी ।
१८ प्रकार के रत्न-१ गोमी रत्न २ रुचक रत्न ३ अंक रत्न ४ स्फटिक रत्न ५ लोहीताक्ष रत्न ६ मरकत रत्न ७ मसलग (मसारगल) रत्न ८ भुज मोचक रत्न
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