Book Title: Gems Of Jaina Wisdom
Author(s): Dashrath Jain, P C Jain
Publisher: Jain Granthagar

Previous | Next

Page 24
________________ हो; तो (मे मदुरित) मेरा वह पाप (गुरुभक्तितः) गुरु भक्ति से (मिथ्या) मिथ्या (अस्तु) हो। Oh Lord - my faults - where by I have caused distress to agreegates of one sense living beings etc. by carelessly moving on the path and might have failed to observe the carefulness of walking - may be falsified due to the effect of devotion to my preceptor. पडिकमामि भंते! इरिया-वहियाए, विराहणाए, अणागुत्ते, अइग्गमणे, णिग्गमणे, ठाणे, गमणे, चंकमणे, पाणुग्गमणे, बीजुग्गमणे, हरिदुगगमणे, उच्चारपस्सवणखेल-सिंहाण- वियडियपइट्ठावणियाए, जे जीवा एइंदिया वा, वेंइंदिया वा, तेइंदिया वा, चउरिदिया वा, पंचिंदिया वा, णोल्लिदा वा, पेल्लिदा वा, संघिट्टदा वा, संघादिदा वा, उद्दाविदा वा, परिदाविदा वा, किरिच्छिदा वा, लेस्सिदा वा, छिदिदा वा, भिंदिदा वा, ठाणदो वा, ठाण-चंकमणदो वा, तस्स उत्तरगुणं, तस्स पायच्छित्त-करणं, तस्स विसोहि-करणं, जाव अरहंताणं, भयवंताणं, णमोक्कारं, पज्जुवासं करेमि, ताव कालं, पावकम्म दुच्चरियं वोस्सरामि। (जाव) जब तक मैं (अरहंताणं भयवंताणं णमोक्कार) अरहंत भगवन्तों को नमस्कार करता हूँ, (पज्जुवासं करेमि) उनकी उपासना करता हूँ (ताव काल) उतने काल तक (पावक्म्म) अशुभ कर्मों/पाप कर्मों को, (दुच्चरिय) अशुभ-चेष्टाओं को (वोस्सरामि) छोड़ता हूँ। Until I pay obeisance to shri Arihanta Deva & pray him, upto that time I give up wieked karmas & wieked activities. इच्छामि भंते! इरियावहियस्स आलोचेउं पुव्वुत्तरदक्खिणपच्छिम चउदिसु विदिसासु विहरमाणेण, जुगंतर दिट्ठिणा, भव्वेण, दट्ठव्वा। पमाददोसेण डवडवचरियाए पाण-भूद-जीव-सत्ताणं उवघादो कदो वा कारिदो वा कीरंतो वा समणुमण्णिदो, तस्स मिच्छा मे दुक्कडं। (भंते) हे भगवान्! (इरियावहियस्स आलोचेउ) ईर्यापथ के दोषों की आलोचना करने की (इच्छामि) इच्छा करता हूँ। (पुव्वु-त्तरदक्खिण-पच्छिम-चउदिसुविदिसासु) 22 Gems of Jaina Wisdom-LX

Loading...

Page Navigation
1 ... 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180