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भगवती सूत्र-श. १ः१० परमाणु के विभाम :
यह कथन ठीक है ?
मिलना और बिखरना जिसका धर्म हो उसे 'पुद्गल' कहते हैं । पुद्गल का वह छोटे से छोटा भाग जिसका कोई भाग न हो सके, उसे 'परमाणु' कहते हैं।
३१७ उत्तर-गोयमा ! जं णं ते अण्णउत्थिया एवमाइपखंति, जाव-चेदणं वेदेति वत्तव्वं सिया । जे ते एवं आहिंसु, मिच्छा ते एवं आहिंसु । अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि-एवं खलु चलमाणे चलिए, जाव-निजरिजमाणे निजिण्णे। ..
३१८-दो परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति । कम्हा दो परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति ? दोण्हें परमाणुपोग्गलाणं अस्थि सिणेहकाए, तम्हा दो परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति। ते भिजमाणा दुहा कन्नति; दुहा कजमाणा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ परमाणुपोग्गले भवंति। ___३१९-तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति, कम्हा तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति ? तिण्हं परमाणुपोग्गलाणं अत्थि सिणेहकाए, तम्हा तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति । ते भिजमाणा दुहा वि तिहा वि कजंति । दुहा कजमाणा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ । तिहा कजमाणा तिण्णि परमाणुपोग्गला भवंति । एवं जावचत्तारि।
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