Book Title: Bhagvati Sutra Part 01
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 535
________________ ५१६ . भगवती सूत्र-श. २ उ. १० धर्मास्तिकाय विषयक प्रश्नोत्तर की अपेक्षा ग्रहण गुणवाला है। ५८ प्रश्न-एगे भंते ! धम्मत्थिकायपदेसे धम्मत्थिकाए त्ति वत्तव्वं सिया ? ५८ उत्तर-गोयमा ! णो इणढे समढे । एवं दोणि वि तिष्णि वि चत्तारि वि पंच छ सत्त अट्ट नव दस संखेजा। । ५९ प्रश्न-असंखेना भंते ! धम्मत्थिकायपएसा ‘धम्मत्थिकाए' त्ति वत्तवं सिया ? ५९ उत्तर-गोयमा ! णो इणटे समझे। ६० प्रश्न-एगपएसूणे वि य णं भंते ! धम्मत्थिकाए धम्मस्थिकाए ति वत्तव्वं सिया ? ६० उत्तर-णो इणटे समढे। ६१ प्रश्न-से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ एगे धम्मत्थिकायपएसे नो धम्मत्थिकाए त्ति वत्तव्वं सिया, जाव एगपएसूणे वि य णं धम्मत्यिकाए नो धम्मत्थिकाए त्ति वत्तव्वं सिया ? . ६१ उत्तर-से पूर्ण गोयमा ! खंडे चक्के ? सकले चक्के ? भगवं ! नो खडे चक्के, सकले चक्के, एवं छत्ते, चम्मे, दंडे, दूसे, आउहे, मोयए: से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ, एगे धम्मत्थिकायपएसे णो धम्मत्थिकाए त्ति. वत्तव्वं सिया, जाव-एगपएसूणे वि य Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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