Book Title: Aspect of Jainology Part 3 Pandita Dalsukh Malvaniya
Author(s): M A Dhaky, Sagarmal Jain
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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श्री कन्हैयालाल 'कमल'
मुहूर्तचिन्तामणि के नक्षत्र प्रकरण में नक्षत्र देवताओं के नाम हैं ।
इन दोनों के नक्षत्र देवता निरूपण में सर्वथा साम्य हैं । केवल नक्षत्र गणना क्रम का अन्तर है ।
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इसी प्रकार दशम प्राभृत के
तेरहवें प्राभृत- प्राभृत में तीस मुहूर्तों के नाम,
चौदहवें प्राभृत-प्राभृत में पन्द्रह दिनों के और रात्रियों के नाम
पन्द्रहवें प्राभृत-प्राभृत में दिवस, तिथियों और रात्रि तिथियों के नाम
बृहद् दैवज्ञरंजनम्, मुहूर्तमार्तण्ड आदि ग्रन्थों में ऊपर अंकित सभी विषय हैं - शोध निबन्ध लेखक तुलनात्मक अध्ययन करें ।
सोलहवें प्राभृत-प्राभृत में नक्षत्र गोत्रों के नाम
सत्रहवें प्राभृत-प्राभृत में नक्षत्र भोजनों के विधान
चन्द्र सूत्र
१
१
२
२
५
७
सूर्य सूत्र -
प्राभृत
१
प्राभृत
१०
१३
१४
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प्राभृत-प्राभृत
२२
७
प्राभृत-प्राभृत
१
३
१
२
०
०
o
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सूत्रांक
६३
७९
८२
सूत्रांक
९-१०
१४
१९
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२२
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सूत्र संख्या
१
१
१
३
सूत्र संख्या
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१
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