Book Title: Aspect of Jainology Part 3 Pandita Dalsukh Malvaniya
Author(s): M A Dhaky, Sagarmal Jain
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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८४.
१५१५
हेमरत्नसूरि
८५.
१५१५
देवरत्नसूरि
वैशाख सुदि १० गुरुवार कात्तिक वदि १ रविवार कात्तिक वदि १ रविवार माघ सुदि ५ शनिवार
८६.
१५१५
देवरत्नसूरि
८७.
१५१५
पादप्रभसूरि
८८.
१५१५
फाल्गुन सुदि ८ शनिवार
हेमरत्नसूरि
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संभवनाथ की पंच- आदिनाथ जिनालय, बिनयसागर, पूर्वोक्त, तीर्थी प्रतिमा का लेख करमदी लेखाङ्क ५३१ वासुपूज्य की प्रतिमा पद्मप्रभजिनालय, बुद्धिसागर, पूर्वोक्त, का लेख
कडाकोटडी, खंभात भाग-२, लेखाङ्क ५९३ सुविधिनाथ की सीमंधरस्वामी का वही, प्रतिमा का लेख जिनालय, अहमदाबाद लेखाङ्क १२१२ शांतिनाथ की गौड़ीपार्श्वनाथ विजयधर्मसूरि, प्रतिमा का लेख जिनालय, पालिताना पूर्वोक्त, लेखाङ्क ६६० पार्श्वनाथ की शांतिनाथ जिनालय, बुद्धिसागर. पूर्वोक्त, पंचतीर्थी प्रतिमा खाडीवाडो, खेड़ा, भाग-२, लेखाङ्क का लेख गुजरात
४०७ चन्द्रप्रभस्वामी की नेमिनाथ जिनालय, वही, भाग-२, प्रतिमा का लेख भोयरापाडो, खंभात लेखाङ्क ८८९ विमलनाथ की आदिनाथ जिनालय, वही, भाग-२, पंचतीर्थी प्रतिमा बड़ोदरा लेखाङ्ग १२५ का लेख वासुपूज्य की सुमतिनाथमुख्यबावन वही, प्रतिमा का लेख जिनालय, मातर भाग-२, लेखाङ्क ४९९ श्रेयांसनाथ की पार्श्वनाथ जिनालय, नाहटा, अगरचन्द, प्रतिमा का लेख नाहटों की गवाड़, पूर्वोक्त, लेखाङ्क १५१३
बीकानेर
आगमिक गच्छ प्राचीन त्रिस्तुतिक गच्छ का संक्षिप्त इतिहास
८९.
१५१६
चैत्र वदि ४
आणंदप्रभसूरि
गुरुवार
९०.
१५१६
वैशाख सुदि ३
हेमरत्नसरि
९१.
१५१६
ज्येष्ठ सुदि ३ देवरत्नसूरि गुरुवार । आषाढ़ सुदि ३ . देवरत्नसूरि रविवार
९२.
१५१६
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