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अनुक्रमणिका ।
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विषय विधर्चिका की चिकित्सा अन्य प्रयोग सिध्म पर लेप अन्य प्रयोग अन्य प्रयोग अन्य प्रयोग वज्रक तेल महावज्रक तैल अन्य तैल कवादि की औषध लाक्षादि लेप चित्रकादि लेप पित्तकर्फ कुष्ट पर लेप कुष्ट पर घृत विशेष अन्य प्रयोग अन्य प्रयोग लेपों की सिद्धि का कारण कुष्ठ को साध्यता वहुदोष कुष्ठ को संशोधनत्व कुष्ठ रोगी का वमनादि काल कुष्ठ रोगी का दोष हरण मुष्ठ में वृतादि
विंशोऽध्यायः । वित्र को भयानकत्व श्वित्र में शोधनादि फोडों का कांटों से भेदन उक्त रोग पर कल्क उक्त रोग में गोमूत्रपान अन्य प्रयोग उक्त रोग पर लेप अन्य प्रयोग अन्य प्रयोग भिलावे का प्रयोग अन्य लेप सवर्ण कारक लेप अन्य लेप
पृष्टांक. | विषय.
पृष्टांक. ६५७ भल्लातकादि लेप | कृमि चिकित्सा
६६३ मूर्धागत कृमि की चिकित्सा | कृमि रोग में पेयापान कृमिरोग में शिरीषादि रस अन्य अवलेह नस्थार्थ चूर्ण अन्य प्रयोग अन्य प्रयोग तैल प्रयोग पुरीपज कृमि में चिकित्सा कफज कृमिरोग में कर्तव्य रक्तज कृमि की चिकित्सा कृमिरोग में क्षीरादि
एकविशोऽध्यायः । वातव्याधि में होपचार स्वेदन के गुण उक्त विषय पर दृष्टांत हर्षादि का शमन स्नेह प्रयोग का फल अन्य प्रयोग औषध का प्रयोग बातरोग पर घृत वायु के अनुलोमन में हेतु विरेचन के योग्य को निरूहण आमाशय गतवायु में कर्तव्य ऊधो नाभिस्थ वायु में अवपीड़क कोष्ठस्थ वायु में कर्तव्य हृदयादि गत वायु में कर्त्तव्य त्वचागामी वायु मे कर्तव्य
रक्तस्थ वायु में कर्तव्य ६६२ मांस मेदस्थ वायु मे कर्तव्य
अस्थि मज्जागत वायु | शुक्रस्थ वायु में कर्तव्य
रुद्धमार्ग शुक्र में कर्तव्य ., ( वायु द्वारा शुष्क गर्भ में कर्तव्य
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