________________
":
श
भनेकाता
N
.
.
4.
PA
..
...
.. .
K
A
.
...
..
....
",
a.
-
... . ..
ALANKiwiMHADANARi-finawarlith Risay, 14
- " My Me/X4234/falay ANIYouhanyawanshTAMI my-INVermaCERI
- ...
Ravteamliyan-Man
h S HASTRA
S
.
.
ex 3 5PANAVYAPARTMISSPAdityan atharmedia
- ...100 . aaihictiyNyielitera- OMMEMus-
4yoni Margad arsha.....
. .
.
..
.
..... ....
सम्पादक-मंडल जुगलकिशोर मुख्तार
बोटेलाल जैन जयभगवान जैनएडवोकेट परमानन्द शास्त्री
१. जिनपति स्तवन-
श्री शुभचन्द्र योगी २. क्यों वरसत है ? (कविता)-[वा० जयभगवान एडवोकेट ७६ ३. भाचायद्वयका संन्यास और उनका स्मारक-हीरालालशास्त्री ७७ ४. नियतिवाद-प्रो० महेन्द्र कुमारजी न्यायाचार्य एम. ए. ५. मनको उज्ज्वल धवल बना-(कविता)-वा. जयमगवान ६. अध्यात्मगीत-(कविता)-युगवीर ७. पुराने साहित्यको खोज-जुगलकिशोर मुख्तार ८. तुम–श्रीराधेश्याम वरनवाल ८. धारा और धाराके जैन विद्वान्-परमानन्द शास्त्री
. तुकारी (कहानी)-40 जयन्तीप्रसाद शास्त्री ११. जैन दर्शन और विश्वशान्ति-प्रो० महेन्द्र कुमार न्याया• १०७ १२. महावीरके विवाहसंबंधमें श्वे०की दो मान्यताएँ-परमानन्द १०६ - १३. ऋषभदेव और महादेव-पं० हीरालाल सिद्धान्त शास्त्री ११२ १५ पंचाध्यायीके निर्माणमें प्रेरक-जुगलकिशोर मुख्तार ११३ १५. जैन ग्रन्थ प्रशस्ति-संग्रह
११५
, randisit
:-
.-..........
?
ayery -1. .
..
ristmaitutmunitHHELAnylartwee ninind -rASALAIMAaikimed
y | nly
H OOMARAirit - ATAA
N MAt Man९ ... N
ashirist ... .
.. . at P
awotivation
.
चीर सेवा मन्दिर,देहली .......... मल्यः ॥