Book Title: Anekant 1956 Book 14 Ank 01 to 12
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 425
________________ लेख लेखक पृष्ठ लेख लेखक पृष्ठ पंचाध्यायीके निर्माण में प्रेरक-जुगलकिशोर मुख्तार १॥ विश्व शान्तिके साधन पश्चात्ताप (कहानी)-[पं० जयन्तीप्रसाद शास्त्री ६१ -[६० राजकुमार जैन साहित्याचार्य १४२ पुराने साहित्यकी खोज वोर-शासन जयन्ती [श्रीजुगलकिशोर मुख्तार २५, ६५, ६३,१७३२०३ -परमानन्द जैन कि. १० टाइटिल पे०२ पूजा, स्तोत्र, जप, ध्यान और बय वोर-शासन-जयन्तीका इतहास -[पं० हीरालाल सिद्धान्तशास्त्री ११३ -[जुगलकिशोर मुख्तार ३८ पीड़ित पशुओंको सभा (कहानी) वीर-शासन-जयन्ती और भवनोत्सव -[श्रीमती जयवन्ती देवी २०७ -[मत्री-वीरसेवमन्दिर ३४० पार्श्वनाथ वस्तिका शिलालेख-[परमानन्द शास्त्री २४२ वीर-सेवामन्दिरका प्रचार कार्य २०३ प्रद्युम्न चरित्रका रचनाकाल व रचयिता वीर-सेवामन्दिर दिल्लीकी पैसा-फण्ड-गोलक -[श्रीअगरचन्द्र नाहटा १७० -जुगलकिशोर मुख्तार १७७ भ० वुद्ध और मांसाहार-[हीरालाल सिद्धान्तशास्त्रो २३८ वीर-सेवामन्दिरमें श्री कानजी स्वामी-किरण , भगवान् महावीर और उनके दिव्य उपदेश टाइटिल पे० २ -[५. हीरालाल सिद्धान्तशास्त्री २५३ शान्ति की खोज-[प्रो० महेन्द्रकुमार न्यायाचार्य २६८ मनको उज्वल धवल बना (कविता) शाह हीरानन्द तीर्थयात्रा विवरण और सम्मेतशिम्बर -[बा० जयभगवान एडवोकेट हा चैत्यपरिपाटी-[श्री अगरचन्द नाहटा ३०. महाकवि स्वयम्भू और उसका तुलसीदासजीकी श्रमणगिरि चलें - [मू० ले. जीवबन्धु टी. एम. रामायण पर प्रभाव -[ परमानन्द शास्त्री ५६, श्रीपाल, अनुवादक.पी. वी. वासवदत्ता जैन न्यायतीर्थ १२५ महाब रके विवाह सम्बन्धमें श्वे. की दो मान्यताएँ श्रमण-परम्परा और चांडान -[ परमानन्द शास्त्री 100 -[डा. ज्योतीप्रसाद एम. ए. २८५ राजमाता विजयाका वैराग्य श्रीनेमि-जिन-स्तुति-[पं० शालि -[सुमेरचन्द दिवाकर, शास्त्री १६३ श्रीपार्श्वनाथ स्तोत्र-[धर्मघोषमूरि १२४ राजस्थानक जैन शास्त्र-भण्डारोंमे हिन्दोके नये श्रीबाया लालमनदामजी और उनकी तपश्चर्याका साहित्यकी खोज ____ माहात्म्य [परमानन्द जैन -[श्री कस्तूरचन्द काशलीवाल, एम. ए. २८६, ३३३ श्रीमहावीर-जिन-स्तवन-[अज्ञात कर्तृक २०३ रूपक-काव्य परम्परा -[पर-नन्द शास्त्री २५६ श्रीवर्धमान-जिनस्तुति ला. महावीर प्रसादजी ठेकेदारका स्वर्गवास २ श्रीवर्धमान-जिन-स्तोत्र विक्रमी संवत्की समस्या -प्रो. पुष्यमित्र जैन २८७ श्रीवीर-जिन-स्तवन ['युगवीर' विचार-कण ३२३ श्रीसन्तराम बी. ए. की सुमागधा विदर्भ में गुजराती जैन लेखक -[मुनीन्द्र कुमार जैन १७ -[प्रो. विद्याधर जोहरापुरकर २०१ सस्कारों का प्रभाव-[हीरालाल सिद्धांतशास्त्री, २०८-२७४ विश्व-शान्तिका सुगम उपाय-आत्मीयता सन्त विचार (कविता)-[५० भागचन्द्रजी २० -[श्री अगर चन्द नाहटा २३२ सन्देह (कहानी)-[श्री जयन्तीप्रमाद शास्त्री ३०२ विश्व-शान्तिके अमोघ उपाय समन्वयका अद्भुत मार्ग अनेकान्त -श्री अगरचन्द नाहटा १६६ -[श्री अगरचन्दजी नाहटा १९ विश्व-शान्नि उपायोंके कुछ मंत समन्तभद्र स्तोत्र (कविता)-['युगवीर' -[4. चैनमन्बदामजी जयपुर १३८ समन्तभद्रका समय-निर्णय-[जुगल किशोर मुख्तार ३ १८७

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