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सम्पादकीय
इस किरण के साथ अनेकान्तका चौदहवाँ वर्ष १२००) की पाय हुई है, जबकि व्ययको रकम समान हो रहा है। हमने इस वर्ष अनेकांतको ६०००)के लगभग है। इस प्रकार प्रामदनी से
और भी अधिक माकर्षक बनाने और सुन्दर व्यय की रकम साढ़े चार हजारसे भी ऊपर है। पाठ्य सामग्री देनेका भरसक प्रयत्न किया. इसके अतिरिक्त पं० हीरालालजी सिद्धान्त शास्त्री परन्तु विद्वान लेखकोंका सहयोग न मिल सकने और पं० जयन्तीप्रसादजी शास्त्रीने भी वर्ष भर के कारण जैसी पाठ्य सामग्री हम देना चाहते थे, अनेकान्त के सम्पादनादि कार्यों में कितना हो हाथ वैसी नहीं दे सके।
बटाया । यदि उनके वेतनका एक चतुर्थाश भी अनेकान्तके प्राहकोंको संख्या पहलेसे ही इसमें जोड़ा जाता, तो घाटे की रकम साढे पांच कम चली प्रारही थी। हमने समय समय पर हजार से अधिक हो जाती। पाठकगण स्वयं ही अपने प्रेमी प्राहकोंसे निवेदन भो किया कि वे
विचार करें कि इतना अधिक घाटा उठा कर कोई कमसे कम एक एक प्राहक और बनावें । परन्तु
भी संस्था किसी भी पत्र को कितने दिन तक नये प्राहक बनने के स्थान पर कितने ही पुराने
चला सकती है? प्राहकोंने भनेकान्तकी बी० पी० वापिस कर दी
और इस प्रकार हमें कितने ही पुराने ग्राहकोंसे भी उपयोगी पत्रके प्रति भी समाजके अधिकांश वंचित होना पड़ा । इस मय हमने विद्वानोंको
निहालों की मी उदासीन अनेकान्त अमूल्य देनेकी भी सूचना पत्रों में भी प्रगट' की और उसके फल स्वरूप विद्वानों तथा मनोवृत्ति चल रही है जिससे अनेकान्त को सभी वर्गों के लोगोंको २०० से भी अधिक प्रतियां बराबर घाटेमें ही चलाना पड़ा है। प्रतिमास भेजी जाती रहीं। तथा उनसे प्रेरणा भी ऐसी आर्थिक परिस्थितिमें संस्थाके संचाकी गई, कि प्रत्येक विद्वान् एक-दो ग्राहक बनाने लकोंने यह निर्णय किया है कि 'भनेकान्त' को का प्रयत्न करे । पर इस मोर हमारे उन विद्वानों मासिकके स्थान पर त्रैमासिक निकाला जाय और ने भी कोई प्रयास नहीं किया।
६) रु० वार्षिक मूल्य के स्थान पर ३) वार्षिक मूल्य इसी अंकमें अनेकान्त के चौदहवें वर्ष के प्राय- रखा जाय । व्यय का चिट्ठा प्रकाशित किया जा रहा है। पाठक पन्द्रहवें वर्ष की पहली किरण अक्टूबर में देखेंगे कि इस वर्ष ग्राहकी फीस भादि से लगभग प्रकाशित होगी । पाठक गण नोट कर लेवें।
दशलाक्षणी पर्व तक मूल्यमें भारी कमी ___ भनेकान्तके पिछले वर्षोंकी फाइलों को तथा चालू वर्षकी सवे किरणोंको भादों सुदी १५ तक भाधे मूल्य में दिया जायगा । जो सज्जन एक मुस्त २५) रु०मनीमार्डरसे पेशगी भेज देंगे उन्हें अनेकान्तको पूरी फाइल भेज दी जावेगी । जो एक एक वर्षकी फाइल मंगाना चाहेंचे ३) प्रति वर्षके हिसाबसे मनीआर्डर भेजें । वर्ष १, २, ३ और ६वें वर्षको फाइलें स्टाकमें नहीं हैं।
व्यवस्थापक-अनेकान्त