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चिट्ठा हिसाब अनेकान्त १४ वें वर्षका (अगस्त सन् १९५६ से जुलाई सन् १६५७ तक)
भाय
८५६-६ ग्राहक खाते जमा जो वी०पी०आदि
के द्वारा प्राप्त हुए। २७७-) सहायता खाते
२०२) सहायकोंसे ७५-) साधारण सहायतासे
व्यय १२६७-६कागज खाते खर्च २०४३०%3D२४%3D
२६%२७ रिम ५१ और ५ दस्ता, टाइटिलमें ४० पौंड मार्ट पेपर ७३१- सेठ विरधीचन्द एण्ड संस ४०४॥)३ रूपचन्द एण्ड संस १३११)३ मुन्शीलाल एण्ड संस
प्रादिके यहाँसे।
२७७-) ४६) अनेकांतकी फाइलों तथा फुटकर किरण
बिक्रोसे प्रास ५१) रही खाते जमा
१२६७००६ १६४०) छपाई खाते खर्च किरण १ से १०तक।
१६१२) रुपवाणी प्रेस २८) सन्मति प्रेस
१२३० )६ १८१)६ कागज खावे जमा ग्रंथ छपनेको लिया
गया। ४३०४॥२ घाटा जा देना है।
१६४०) २१३-८पास्टेज खाते किरण १ से १. तक। ३६)६ब्लॉक भादि में २१-६ यातायात खाते ६) स्टेशनरी खाते
५७२१।। )२
३३४/-) २१००) वेतन खाते जो १२ महीने की बावत
पं०परमानन्दजीको दिये गये। ३८०) सयुक्त किरण ११-१२ की बाबत जो अनुमानतः देना बाकी है।
१५०) कागज २१०) प्रेस छपाई, बाईडिंग आदि २०) पास्टेजमादि
३८०)
ॐ पं० हीरालालजी और पं० जयन्तीप्रसादनीने भी वर्ष भर अनेकाम्तके सम्पादनादिमें कितना ही हाथ बटाया है। यदि उनके बेतनका एक चौथाई भाग भी इसमें जोडा जाता, तो घाटेकी रकम और भी अधिक हो जाती।
५७२१।। )२ मन्त्री-वीर सेवामन्दिर