________________
अधिकारः ८]
समयसारेः।
३८३
अथ मोक्षाधिकारः॥८॥
अथ प्रविशति मोक्षः । “द्विधाकृत्य प्रज्ञाक्रकचदलनाद्वंधपुरुषौ नयन्मोक्षं साक्षात्पुरुषमुपलंभैकनियतं । इदानीमुन्मजन् सहजपरमानंदसरसं परं पूर्ण ज्ञानं कृतसकलकृत्यं विजयते ॥ १८०॥"
जह णाम कोवि पुरिसो बंधणयमि चिरकालपडिवद्धो।
तिव्वं मंदसहावं कालं च वियाणए तस्स ॥ २८८ ॥ तत्रैवं सति पात्रस्थानीयशुद्धात्मनः सकाशात्पृथग्भूत्वा श्रृंगारस्थानीयबधो निष्क्रांतः । अथ प्रविशति मोक्षः-जह णाम कोवि पुरिसो इत्यादि गाथामादिं कृत्वा यथाक्रमेण द्वाविंशतिगाथापयंत मोक्षपदार्थव्याख्यानं करोति-तत्रादौ मोक्षपदार्थस्य संक्षेपव्याख्यानरूपेण गाथासप्तकं, तदनंतरं मोक्षकारणभूतभेदविज्ञानसंक्षेपसूचनार्थं बंधाणं च सहावं इत्यादि सूत्रचतुष्टयं, अतः परं तस्यैव भेदज्ञानस्य विशेषविवरणार्थं पण्णाए घेत्तव्वो इत्यादि सूत्रपंचकं, तदनंतरं वीतरागचारित्रसहितस्य द्रव्यप्रतिक्रमणादिकं विषकुंभः सरागचारित्रस्यामृ
अथ मोक्षाधिकार । दोहा-"कर्मबंध सब काटिके, पहुंचे मोक्ष सुथान । नमू सिद्ध परमातमा, करूं ध्यान अमलान ॥" अब टीकाकारके वचन कहते हैं कि यहां मोक्षतत्व प्रवेश करता है। जैसे नृत्यके अखाडेमें स्वांग प्रवेश करता है वहां ज्ञान सब स्वांगके जाननेवाला है इसलिये सम्यग्ज्ञानकी महिमारूप मंगल अधिकारके आदिमें १८० ३ काव्यसे कहते हैं-विधाकृत्य इत्यादि । अर्थ-अब बंध पदार्थके बाद पूर्ण ज्ञान है वह प्रज्ञारूप करीतसे विदारण करके बंध और पुरुषको जुदे २ दो कर और पुरुषको साक्षात् मोक्षमें प्राप्त करता हुआ जयवंत प्रवर्त रहा है । कैसा है पुरुष ? अपने स्वरूपके साक्षात् अनुभव कर निश्चित है। ज्ञान कैसा है ? उदय हुआ जो अपना खाभाविक परम आनंद उससे सरस (रसभरा ) है, उत्कृष्ट है और जिसने करने योग्य समस्त कार्य कर लिये हैं अब कुछ करना नहीं रहा ॥ भावार्थ-ज्ञान है वह बंध पुरुषको जुदेकर पुरुषको मोक्ष प्राप्त करता हुआ अपना संपूर्ण स्वरूप प्रगट कर जयवंत प्रवर्त रहा है इसका सर्वोत्कृष्टपना कहना यही मंगलवचन है ॥ आगे कहते हैं कि मोक्षकी प्राप्ति कैसे होती है ? उस जगह प्रथम तो जो बंधका छेद नहीं करते और बंधका स्वरूप ही जान संतुष्ट हैं वे मोक्ष नहीं पाते ऐसा कहते हैं;-[ नाम ] अहो देखो [यथा ] जैसे [ कश्चित् पुरुषः ] कोई पुरुष [बंधनके ] बंधनमें [चिरकालप्रतिबद्धः] बहुत कालका बंधाहुआ [ तस्य ] उस बंधनके [तीवमंदस्वभावं ] तीव्रमंद (गाढे ढीले ) स्वभावको [च] और [ कालं ] कालको [वि