Book Title: samaysar
Author(s): Manoharlal Shastri
Publisher: Jain Granth Uddhar Karyalay

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Page 519
________________ रायचन्द्रजैनशास्त्रमालायाम् । [सर्वविशुद्धज्ञानमनसा चेति ५ न करिष्यामि न कारयिष्यामि न कुर्वतमप्यन्यं समनुज्ञास्यामि वाचा चेति ६ न करिष्यामि न कारयिष्यामि न कुर्वतमप्यन्यं समनुज्ञास्यामि कायेन चेति ७ न करिष्यामि न कारयिष्यामि मनसा वाचा च कायेन चेति ८ न करिष्यामि न कुर्वतमप्यन्यं समनुज्ञास्यामि मनसा च वाचा च कायेन च ९ न कारयिष्यामि न कुर्वतमप्यन्यं समनुज्ञास्यामि मनसा च वाचा च कायेन चेति १० न करिष्यामि न कारयिष्यामि मनसा च वाचा चेति ११ न करिष्यामि न कुर्वतमप्यन्यं समनुज्ञास्यामि मनसा च वाचा चेति १२ न कारयिष्यामि न कुर्वतमप्यन्यं समनुज्ञास्यामि मनसा च वाचा चेति तन्यस्वभावमात्मानमेव संचेतये इति पंचप्रकारज्ञानावरणीयरूपेण कर्मफलसंज्ञाभावना व्याख्याता । नोंपर एक मन लगाया इसलिये इकतीसकी समस्या हुई । ५ । ३१ । आगामी कालके कर्मको मैं नहीं करूंगा, अन्यको प्रेरकर नहीं कराऊंगा, अन्य करते हुएको भला नहीं जानूंगा वचनकर । ऐसा छठा भंग है । इसमें कृतकारित अनुमोदना इन तीनोंपर एक वचन लगाया इसलिये इकतीसकी समस्या हुई । ६ । ३१ । आगामी कालके कर्मको मैं नहीं करूंगा, अन्यको प्रेरकर नहीं कराऊंगा, अन्य करते हुएको भला नहीं जानूंगा कायकर । ऐसा सांतवां भंग है । इसमें कृतकारित अनुमोदना इन तीनोंपर एक काय लमाया इसलिये इकतीसकी समस्या हुई । ७ । ३१ । ऐसे इकतीसकी समस्याके तीन भंग हुए । आगामी कर्मको मैं नहीं करूंगा, अन्यको प्रेरकर नहीं कराऊंगा मनकर वचनकर कायकर । यह आठवां भंग है। इसमें कृतकारित इन दोनोंपर मन वचन काय तीनों लगाये इसलिये तेईसकी समस्या हुई । ८ । २३ । आगामी कर्मको मैं नहीं करूंगा, अन्य करतेको भला नहीं जानूंगा मनकर वचनकर कायकर । ऐसा नौमां भंग है । इसमें कृत अनुमोदना इन दोनोंपर मनवचन काय तीनों लगाये इसलिये तेईसकी समस्या हुई । ९ । २३ । आगामी कर्मको मैं अन्यको प्रेरकर नही कराऊंगा, अन्य करते हुए को भला नहीं जानूंगा मनकर वचनकर कायकर । ऐसा दसवां भंग है। इसमें कारित अनुमोदना इन दोनोंपर मनवचन काय तीनों लगाये इसलिये तेईसकी समस्या हुई । १० । २३ । ऐसे तेईसकी समस्याके तीन भंग हुए ॥ आगामी कमको मैं नहीं करूंगा, अन्यको प्रेरकर नहीं कराऊंगा मनकर वचनकर । ऐसा ग्यारवां भंग है । इसमें कृतकारित इन दोनोंपर मन वचन ये दो लगाये इसलिये बाईसकी समस्या हुई । ११ । २२ । आगामी कर्मको मैं नहीं करूंगा, अन्य करते हुएको भला नहीं जानूंगा मनकर वचनकर । ऐसा बारवां भंग है । इसमें कृत अनुमोदना इन दोनोंपर मन वचन ये दो लगाये इसलिये बाईसकी समस्या हुई । १२ । २२ । आगामी कर्मको अन्यको प्रेरकर नहीं कराऊंगा, अन्य करते हुएको भला नहीं जानूंगा मनकर

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